भगवान बिरसा मुंडाः जनजातीय अस्मिता के प्रेरणा पुंज
- डॉ. अशोक कुमार भार्गव
भारतीय स्वाधीनता संग्राम की पूर्व पीठिका को निर्मित करने में जनजातीय आंदोलनों की सार्थक भूमिका रही है। यद्यपि इतिहासकारों ने इन अनसुने, अल्पज्ञात आंदोलनों की महत्ता को रेखांकित करने में न्याय नहीं किया। केन्या के लीडर जोमो केन्याटा ने कहा था कि 'जब ब्रिटिश अफ्रीका आए तब उनके हाथों में बाइबिल थी और हमारे पास जमीन, उन्होंने हमसे कहा चलो प्रार्थना करते हैं और जब हमने आंखें खोली तो हमारे पास बाइबिल थी और उनके पास हमारी जमीन।'
भारत में भी अंग्रेजों ने अपनी साम्राज्यवादी और उपनिवेशवादी कूट नीतियों से हमारी अमूल्य वन संपदा का निर्ममता से शोषण कर आदिवासी अंचलों के मौलिक स्वरूप को विकृत कर देश को गुलामी की जंजीरों में जकड़ दिया। इस ब्रिटिश साम्राज्य में कभी सूर्यास्त नहीं होता था और विद्रोही कवि अर्नेस्ट जोन्स के शब्दों में 'वह इतना क्रूर भी हो गया था कि उसके उपनिवेशों में...