शिक्षा में क्रांति की आशा?
- डॉ वेदप्रताप वैदिक
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने आज आशा जताई है, यह कहकर कि विभिन्न विषयों की लगभग 1500 अंग्रेजी पुस्तकों का अनुवाद शिक्षा मंत्रालय भारतीय भाषाओं में करवाएगा और यह काम अगले एक साल में पूरा हो जाएगा। यदि देश के सारे विश्वविद्यालयों को इस काम में जुटा दिया जाए तो 1500 क्या, 15 हजार किताबें अपनी भाषा में अगले साल तक उपलब्ध हो सकती हैं। हमारे करोड़ों बच्चे यदि अपनी मातृभाषा के माध्यम से पढ़ेंगे तो वे अंग्रेजी रटने की मुसीबत से बचेंगे, अपने विषय को जल्दी सीखेंगे और उनकी मौलिकता का विकास भी भलीभांति होगा।
भारत को आजाद हुए 75 साल हो गए लेकिन अंग्रेजी की गुलामी हमारी शिक्षा, सरकार, अदालत और व्यापार में भी सर्वत्र ज्यों की त्यों चली आ रही है। इस गुलामी को चुनौती देने का अर्थ यह नहीं है कि हमारे बच्चे अंग्रेजी न सीखें या अंग्रेजी पढ़ने और बोलने को हम पाप समझने ...