Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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राष्ट्रप्रेम का ज्वार, अखंड भारत का सपना हो सकार

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- सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में जब कहीं से भी देश को तोड़ने की बात आती है तो स्वाभाविक रूप से उसका प्रतिकार भी जबरदस्त तरीके से होता है। यह प्रतिकार निश्चित रूप से उस राष्ट्रभक्ति का परिचायक है, जो इस भारत देश को देवभूमि भारत के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रमाण प्रस्तुत करने का अतुलनीय सामर्थ्य रखती है। यह आज के समय की बात है, लेकिन हम उस कालखंड का अध्ययन करें, जब भारत का विभाजन दर विभाजन हुआ। उस समय के भारतीयों के मन में विभाजन का असहनीय दर्द हुआ। जो असहनीय पीड़ा के रूप में उनके जीवन में प्रदर्शित होता रहा और देश को जगाते-जगाते वे परलोक गमन कर गए। अभी तक भारत देश के सात विभाजन हो चुके हैं। जरा कल्पना कीजिए कि अगर आज भारत अखंड होता तो वह दुनिया की महाशक्ति होता। उसके पास मानव के रूप में जनशक्ति का प्रवाह होता। लेकिन विदेशी शक्तियों ने भारत के कुछ महत्वाकांक्षी शासकों को प्रलोभन देकर ...