भारत के तीन स्वप्न राम, कृष्ण और शिव
- हृदयनारायण दीक्षित
श्रीराम भारत के मन का धीरज हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भी हैं। भारत की अनेक भाषाओं में रामकथा लिखी गई है। दक्षिण भारत में ऋषि कंबन ने रामकथा लिखी है। पहली रामकथा महर्षि वाल्मिकि ने लिखी थी। इसे रामायण की संज्ञा मिली। वाल्मीकि परंपरा में आदिकवि हैं। मध्य काल में महाकवि तुलसीदास ने रामचरितमानस लिखी। रामचरितमानस में प्राचीन दर्शन है। समाज विज्ञान है। भक्ति का अथाह सागर है। ऐसी लोकप्रिय पुस्तक दुनिया के किसी भी देश में नहीं मिलती। भारत के गांव-गांव रामचरितमानस पढ़ी और गायी जाती है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया समाजवादी थे। उन्होंने 'राम, कृष्ण और शिव' में राम के व्यक्तित्व पर तथ्यपरक भावप्रवण टिप्पणी की है। लोहिया ने लिखा है रामायण के सभी पात्र अश्रुलोचन हैं। सभी पात्र आंसू बहाते दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने राम, कृष्ण और शिव को भारत के तीन स्वप्न बताया था। राम के व्यक्तित्व का केंद्र मर...