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इस बार भी रेपो रेट में बदलाव की उम्‍मीद कम, केंद्र ने एमपीसी का किया पुनर्गठन

इस बार भी रेपो रेट में बदलाव की उम्‍मीद कम, केंद्र ने एमपीसी का किया पुनर्गठन

देश, बिज़नेस
- एमपीसी में राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार नए सदस्य नियुक्त नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI) की नीतिगत दर तय करने वाली संस्‍था मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) (Monetary Policy Committee (MPC) का पुनर्गठन कर दिया है। एमपीसी की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक सात से नौ अक्टूबर तक होगी। इस बार भी नीतिगत ब्‍याज दर रेपो रेट (Policy interest rate repo rate) में बदलाव की उम्‍मीद नहीं है। वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक, आरबीआई की नीतिगत दर निर्धारण वाली एमपीसी में राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार को नया बाहरी सदस्य नियुक्त किया गया है। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति के पुनर्गठन को नोटिफाई किया है। इन नए सदस्‍यों की नियुक्ति चार साल के लिए की गई है। आरबीआई ...
इस बार जनादेश के मायने

इस बार जनादेश के मायने

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा अठारहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि मतदाता के मन को समझना इतना आसान नहीं हैं। इसी तरह से एग्जिट पोल के परिणामों और धरातलीय परिणामों में अंतर से साफ हो जाता है कि मतदाता खुलता भी नहीं है तो किसके पक्ष में मतदान करके आया है उसे वह मुखर होकर बताता भी नहीं है। चुनाव परिणामों से सट्टा बाजार की भी पोल खुल कर रह गई है। ऐसे में सवाल यह हो जाता है कि मतदाता इस जनादेश के माध्यम से आखिर संदेश क्या देना चाहते है? लोकसभा चुनाव परिणाम से यह तो साफ हो गया है कि मतदाता ने एनडीए को तीसरी बार सरकार चलाने का अवसर दे दिया है। बहुमत के 272 की तुलना में एनडीए को 293 सीटें मिली हैं। यह अलग बात है कि पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भाजपा अकेले स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई। बावजूद इसके वह लोकसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। देखा जाए तो 10 सा...
इस बार मतदान ‘इसलिए’ महत्वपूर्ण है

इस बार मतदान ‘इसलिए’ महत्वपूर्ण है

अवर्गीकृत
- पंकज जगन्नाथ जयस्वाल 2024 के आम चुनाव की घंटी बज चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दस साल के शासन और खंडित विपक्ष की चर्चा पूरे देश में हो रही है। लगभग सभी संचार व अन्य माध्यम मोदी के लिए प्रचंड बहुमत का अनुमान लगा रहे हैं, वह भी तब जब उनके शासन के खिलाफ दो कार्यकालों से विपक्ष का झूठा विमर्श स्थापित कर विरोध चल रहा है। जब यह सब चल रहा है, तो भारतीय नागरिकों की सामान्य मानसिकता, विशेष रूप से कस्बों और शहरों में रहने वाले लोग यह मानने लगे हैं कि चूंकि प्रधानमंत्री मोदी चुनाव जीत ही रहे हैं, इसलिए हमें लाइन में खड़े होकर एक खास दिन वोट क्यों देना चाहिए, जबकि हम इसके बजाय परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक पर जा सकते हैं। कई लोगों का मानना है कि मतदान न करने से कोई फर्क नहीं पड़ता (मेरे एक वोट से क्या फर्क पड़ेगा)। यही कारण है कि शहरों और महानगरीय क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत कम ह...
मप्र में इस बार हुई रिकार्ड वोटिंग, 77 के पार पहुंचा मतदान प्रतिशत

मप्र में इस बार हुई रिकार्ड वोटिंग, 77 के पार पहुंचा मतदान प्रतिशत

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश में विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly Elections) की सभी 230 सीटों के लिए शुक्रवार को सुबह 7.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक मतदान (Voting) संपन्न हुआ, लेकिन दूसरे दिन शनिवार को देर शाम तक मतदान का जो प्रतिशत (voting percentage) सामने आया, उसने सभी को चौंका दिया। यहां इस बार रिकार्ड वोटिंग हुई है। हालांकि, मतदान प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी (Continuous increase voting percentage) दर्ज की जा रही है। शनिवार रात करीब 11 बजे तक यहां मतदान प्रतिशत 77 के पार पहुंच गया। निर्वाचन कार्यालय द्वारा रात 11 बजे दी गई जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश में इस बार 77 प्रतिशत के पार पहुंच गया है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पहली बार इतना अधिक मतदान हुआ है। इसके पहले 2018 के चुनाव में 75.63 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव में यह बढ़कर 77.15 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया ...
इस बार ‘इसलिए’ अहम है 15 अगस्त

इस बार ‘इसलिए’ अहम है 15 अगस्त

अवर्गीकृत
- मुकुंद लंबे कालखंड के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत में आजादी का सूरज उगा था। तब से हम हर साल 15 अगस्त को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाते हैं। इस बार का स्वतंत्रता दिवस कुछ खास है। वह इसलिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मार्च, 2021 को 'आजादी का अमृत महोत्सव' का शुभारंभ गुजरात में अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से किया था। उसका समापन इस बार होगा। इसके साथ 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने के लिए देश को नई ऊर्जा और उत्साह के साथ 'अमृत काल' में प्रवेश कराया जाएगा। इस साल नई दिल्ली में लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए अनूठी पहल की गई हैं। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष बड़ी संख्या में अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐतिहासिक लाल किले से समारोह का नेतृत्व करेंगे। राष्ट्रीय पर्व के इस समारोह को देखने के लिए द...