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Paris Olympics 2024: भारतीय ध्वजवाहक पीवी सिंधु-शरथ कमल बोले- हम इस पल को लेकर सपने देख रहे थे

Paris Olympics 2024: भारतीय ध्वजवाहक पीवी सिंधु-शरथ कमल बोले- हम इस पल को लेकर सपने देख रहे थे

खेल
पेरिस (Paris)। बहुप्रतीक्षित पेरिस 2024 ओलंपिक (Paris Olympics 2024) के उद्घाटन समारोह (Opening ceremony) से पहले, भारत के ध्वजवाहक (Flag bearer of India.) अचंता शरथ कमल (Achanta Sharath Kamal) और पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने इस यादगार पल के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और बैडमिंटन में 2019 विश्व चैंपियन पीवी सिंधु अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी शरथ कमल के साथ भारत की ध्वजवाहक होंगी। गगन नारंग भारतीय दल के शेफ-डी-मिशन होंगे। उस पल की पूर्व संध्या पर, कमल ने खुलासा किया कि वह तीन चार महीने से इस "शानदार पल" के बारे में सपना देख रहे थे। कमल ने आईओए मीडिया के एक वीडियो में कहा, "26 जुलाई का इंतजार है, जब हम उद्घाटन समारोह में भारतीय दल का नेतृत्व करेंगे। यह एक ऐसा क्षण है जिसके बारे में मैं पिछले तीन-चार महीनों से सपना देख रहा था और कल्पना कर रहा था। इसलिए मैं इसे ले...
यह पल रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेने का है

यह पल रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेने का है

अवर्गीकृत
- डॉ. वंदना सेन भारत भूमि पर अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए अनेक वीर अग्रणी भूमिका में रहे हैं। लेकिन देश को स्वतंत्र कराने में मातृशक्ति के योगदान को किसी प्रकार से कम नहीं कहा जा सकता। जिन नारियों ने भारत को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई आज पूरा देश उन्हें वीरांगना के नाम से स्वीकार करता है। वीरांगना नाम सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में स्वाभाविक रूप से रानी लक्ष्मीबाई की छवि उभरती है। भारतीय वसुंधरा को अपने वीरोचित भाव से गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सच्चे अर्थों में वीरांगना हैं। वे भारतीय महिलाओं के समक्ष अपने जीवनकाल में ही ऐसा आदर्श स्थापित कर विदा हुईं, जिससे हर कोई प्रेरणा ले सकता है। वर्तमान युग में जहां हर कोई अपने आप तक केन्द्रित होता जा रहा है, उनके लिए वीरांगना लक्ष्मीबाई का जीवन एक ऐसा उदाहरण है, जो राष्ट्रीय भावना को संचारित करने में एक आदर्श है...