द्रौपदी मुर्मू : समाज के अंतिम छोर की प्रतिभा
- सुरेश हिन्दुस्थानी
राष्ट्रपति के चुनाव की मतगणना के पश्चात देश ने नए राष्ट्रपति के रूप में जनजातीय समाज की प्रतिभा द्रौपदी मुर्मू को चुन लिया गया है। राष्ट्रपति के रूप में उनका चयन निश्चित ही एक ऐसा संदेश प्रवाहित कर रहा है, जिसमें एक उम्मीद है, एक विश्वास है। जो उस समाज में आगे बढ़ने का हौसला प्रदान कर रहा है, जिसको अभी तक वंचित माना जाता रहा है। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनवाकर स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव को सार्थकता प्रदान की है। यहां उल्लेखनीय तथ्य यह है कि द्रौपदी मुर्मू उस वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन से निकले शब्दों में समाज का अंतिम छोर है। केंद्र की मोदी सरकार ने आज पंडित दीनदयाल जी के सपने को साकार करने की अभिनव पहल की है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी कहते थे कि जिस दिन सम...