‘एक देश-एक चुनाव’ आज की सबसे बड़ी जरूरत
- श्याम जाजू
वर्तमान दो वर्ष देश के लिए चुनावी साल कहे जा सकते हैं। इस साल 2023 में 10 राज्यों की विधानसभा और 2024 में सात राज्यों की विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं। अर्थात दो वर्ष में 18 चुनाव। इनके साथ ही कई विधानसभाओं और लोकसभा की कुछ खाली सीटों के लिए उपचुनाव भी होंगे। मतलब यह की आने वाले दिनों में देश चुनाव में व्यस्त रहेगा। ऐसे समय में जब देश-दुनिया अनेक चुनौतियों से दो-चार हो रही है, पूरी मानवता कोविड और यूक्रेन युद्ध के दुष्प्रभाव से जूझ रही है और जिस समय भारत संघर्ष से लड़कर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में लगा हो, क्या ये उचित लगता है कि सारा देश और प्रशासनिक तंत्र चुनाव व्यवस्था में ही लग जाए? क्या यह उचित नहीं होगा कि सारे चुनाव एक बार में, एक साथ कराए जाएं और बार-बार चुनाव पर होने वाले खर्च और व्यवधान से बचा जा सके? देश की चिंता करने वालों के मन में यह विचार बार-बार आता ...