अखंड भारत: जो सपना जिंदा रहता है वही पूरा होता है
- डॉ. पवन सिंह
अखंड भारत हमारे लिए केवल शब्द नहीं है। यह हमारी श्रद्धा, भाव, देशभक्ति व संकल्पों का अनवरत प्रयास है जिसे प्रत्येक देशभक्त जीवंत महसूस करता है। हम इस भूमि को माँ मानते हैं और पुत्रवत इस भूमि की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हम कहते भी हैं- माताभूमि: पुत्रोहंपृथिव्या:। इसलिए माँ का प्रत्येक कष्ट हमारा अपना कष्ट है और एक माँ खंडित रहे, कष्ट में रहे, यह उसके पुत्र कैसे स्वीकार कर सकते हैं। समय -समय पर भारत खंडित कैसे हुआ, कौन-सी गलतियां हम से हुई। वो कौन से कारण रहे जिन्होंने इसकी पृष्ठ्भूमि लिखी इन सबका चिंतन, विभाजन की पीड़ा व पुनः अखंड होने का विश्वास व संकल्प ही इसका एक मात्र हल है । जब भारत की लाखों आँखों में पलने वाला यह अखंड भारत का सपना करोड़ों- करोड़ों हृदयों की धड़कन बन कर धड़कने लगेगा, तभी यह संभव होगा।
अखंड भारत स्वप्न नहीं हकीकत है: अखंड भारत का स्वप्न कुछ लोगों को...