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अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी शहीद, चार अन्य घायल

अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी शहीद, चार अन्य घायल

देश
अनंतनाग। अनंतनाग जिले (Anantnag district) के एक जंगल में शनिवार को आतंकवादियों के साथ भीषण हुई मुठभेड़ (Fierce encounter with terrorists) में दो सैन्यकर्मी बलिदान (two military personnel sacrificed) हो गए जबकि चार अन्य घायल हो गए हैं। इस दौरान दो नागरिक भी घायल हुए हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों द्वारा अहलान गगरमांडू के सुदूर जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया रिपोर्ट के आधार पर शुरू किए गए घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान हुई। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी में दो नागरिक भी घायल हो गए। उनके अनुसार मुठभेड़ तब शुरू हुई जब आतंकवादियों के एक समूह ने पैरा कमांडो और स्थानीय पुलिस सहित सेना के जवानों के संयुक्त तलाशी दलों पर गोलीबारी की। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में छह सैन्यकर्मी और दो नागरिक घायल हो गए। घायल सैनिकों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहा...
कश्मीर में आतंकियों के ‘यारों’ पर अब चले तलवार

कश्मीर में आतंकियों के ‘यारों’ पर अब चले तलवार

अवर्गीकृत
- मुकुंद सालों साल तक आतंकवाद से बेजार रही कश्मीर घाटी में हालात अब पहले से बेहतर हुए हैं। यह सरकार और अमनपसंद लोगों के लिए सुखद तस्वीर है। केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद स्थिति में सुधार आया है। बहुत हद तक आतंकवाद का फन कुचलने में भी मदद मिली है। इससे आतंकवाद का आका पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। अब उसने और पाकिस्तान की सरजमीं पर ही सक्रिय आतंकी संगठनों ने अपना फोकस ओवर ग्राउंड वर्कर पर किया है। इनको दहशतगर्दों की मदद के साथ सरहदपार से भेजे जाने वाली ड्रग्स की खेप को खपाने का जिम्मा सौंपा गया है। ऐसा नहीं है कि पड़ोसी मुल्क की इस रणनीति की जानकारी भारत सरकार को नहीं है। भारतीय सुरक्षाबल लगातार ओवर ग्राउंड वर्कर्स को दबोचकर आतंकवाद की रीढ़ की हड्डी तोड़ रहे हैं। मोदी सरकार नौ साल से लगातार आतंकवाद पर प्रहार कर रही है। ऐसा कोई दिन शायद ही गुजरता हो, जब ओवर ग्राउंड वर्कर को दबो...

मप्र: दुष्कर्मियों-आतंकियों को अब आखिरी सांस तक रहना होगा जेल में

देश, मध्य प्रदेश
- प्रदेश में 12 हजार से अधिक बंदी काट रहे आजीवन कारावास की सजा भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में विभिन्न अधिनियमों में आजीवन कारावास से दंडित बंदियों (prisoners sentenced to life imprisonment) की रिहाई की अवधि की प्रस्तावित नीति -2022 (release period Proposed Policy of 2022) पर चर्चा हुई। वर्तमान में प्रदेश में वर्ष 2012 की नीति लागू है। वर्तमान में प्रदेश के 131 जेलों में 12 हजार से अधिक बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। आजीवन कारावास की सजा प्राप्त बंदियों के संबंध में जो नई नीति तैयार की गई है, उसमें जघन्य अपराधियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। आतंकी गतिविधियों और नाबालिगों से बलात्कार के अपराधियों का कारावास 14 वर्ष में समाप्त नहीं होगा। मध्यप्रदेश में ऐसे अपराधियों को अंतिम साँस तक कारावास में ही रहन...