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आतंक से कोई समझौता नहीं, आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका और भारत साथ-साथ

आतंक से कोई समझौता नहीं, आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका और भारत साथ-साथ

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारत और अमेरिका के आपसी संबंध समय-समय पर कभी बहुत मधुर और कभी अत्यधिक गर्म होने के साथ ही विरोधाभासी दिखाई देते रहे हैं। किंतु इसके बावजूद एक स्थिति है जो कभी नहीं बदली, वह है आतंक के मुद्दे पर दोनों देशों का समान दृष्टिकोण। दोनों देश, भारत-अमेरिका ने आतंक से अब तक कोई समझौता नहीं किया है। आतंक किसी भी तरह का हो उसका समाप्त होना आवश्यक है, यही इन दोनों देशों की नीति रही है। इसलिए तमाम विरोधाभासों के बीच भी यह दोनों देश आतंक के मुद्दे पर बार-बार मिलते हैं और इसके संपूर्ण समापन के लिए मिलजुल कर प्रभावी योजनाएं बनाकर रणनीतिक तौर पर परिणामकारी कार्य करते रहे हैं । वस्तुत: हाल ही में हुई इस विषय से संबंधित दोनों देशों की बैठक, होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉग (एचएसडी) ने फिर एक बार साफ कर दिया है कि आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथी कंटेंट, साइबर क्राइम, संगठित अपराध और ड्रग्स ट्रैफ...
पाकिस्तान को भारत का कड़ा संदेश

पाकिस्तान को भारत का कड़ा संदेश

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- प्रभुनाथ शुक्ल भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के मध्य जमी बर्फ फिलहाल पिघलती नहीं दिखती है। गोवा में सम्पन्न हुए शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से कम से यही संदेश निकलता है। पाकिस्तान आतंकवाद के मसले पर दोहरी नीति का पोषक है। पाकिस्तान यह अच्छी तरह जानता है कि भारत से सीधी लड़ाई में वह कभी जीत नहीं हासिल कर सकता है। वैश्विक मंच पर भी भारत बेहद मजबूती से खड़ा दिखता है। दुनिया में भारत की साख मजबूत है। भारत की वैश्विक कूटनीति अलग है। वह अपनी बात को दुनिया के सामने बड़ी साफगोई से रखता है। आतंकवाद के मसले पर उसकी नीति दो टूक है। भारत कभी भी आतंकवाद का समर्थन नहीं करता। अमेरिका, रूस और चीन जैसे ताकतवर मुल्कों के साथ भी उसकी नीति साफ है। भारत बुद्ध के सिद्धांत पर चलता है। वह जीओ और जीने दो में विश्वास रखता है। अरब देशों से भी भारत के बेहतर सम्बन्ध हैं। क्योंकि उसकी नीति स्पष्ट और साफ है। शंघाई सहयो...