Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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चीन को कूटनीतिक तरीके से सबक सिखाना होगा!

चीन को कूटनीतिक तरीके से सबक सिखाना होगा!

अवर्गीकृत
- डॉ. अनिल कुमार निगम भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है। भारत और चीन के बीच हुई 19 वीं दौर की वार्ता के बावजूद दोनों के बीच सीमा विवाद का कोई समुचित हल नहीं निकल सका है। पिछले कुछ वर्षों में भारत और चीन के रिश्ते खराब रहे हैं। भारत की सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ बढ़ने से दोनों देशों के बीच सीमा पर कई इलाकों में विवाद कायम है। वहीं, चीन ने जी-20 के लेटर हेड में प्रयोग होने वाले संस्कृत के श्लोक ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ पर आपत्ति जताई है। हाल ही में भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 19 वें दौर की बैठक चुशुलमोल्डो में आयोजित की गई। वार्ता शांतिपूर्ण रही। भारत ने बैठक में देपसांग और डेमचोक समेत अन्य स्थानों से चीनी सैनिकों की वापसी की बात जोरदार तरीके से रखी लेकिन चीन टस से मस नहीं हुआ और समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सका। दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी-20 की बैठक प्रस्तावित है...
खंडवा में कावड़ यात्रा पर पथराव के बाद तनाव, पुलिस ने संभाला मोर्चा

खंडवा में कावड़ यात्रा पर पथराव के बाद तनाव, पुलिस ने संभाला मोर्चा

देश, मध्य प्रदेश
खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय पर सोमवार रात मस्जिद के पास से गुजर रही कांवड़ यात्रा पर पथराव कर दिया गया जिससे शहर में तनाव का माहौल निर्मित हो गया। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में तहसीलदार की गाड़ी के कांच फूटे हैं। लोगों को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट नहीं करने की हिदायत दी गई है। शहर में रास्तों पर बैरिकेडिंग की जा रही है। जगह-जगह पुलिस टीमें तैनात की गई है। बवाल के बीच खंडवा कलेक्टर खुद मोर्चे पर उतर आए हैं। वह लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि बवाल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दरअसल, महादेवगढ़ संगठन के बैनर तले सोमवार सुबह से ही खंडवा नगर में ‘जय हिंदू राष्ट्र कांवड़ यात्रा’ निकाली जा रही थी। सुबह से निकली यात्रा देर रात को कहारवाड़ी इलाके में मस्जिद के सामने पहुंची। मस्जिद से थोड़ी दूर पर ही यात्रा का...
अमेरिका और चीन के बीच तनाव से निवेशकों की भारत पर निगाहें

अमेरिका और चीन के बीच तनाव से निवेशकों की भारत पर निगाहें

अवर्गीकृत
- ललित मोहन बंसल चीन ने घरेलू जरूरतों की पूर्ति के बावजूद अंतरराष्ट्रीय पर एक सुदृढ़ सप्लाई लाइन से वैश्विक मुद्रा अमेरिकी डालर में कमाई की है। आज वह सूई से लेकर ड्रोन और मिसाइल तक निर्यात करने की क्षमता रखता है। चीन के सम्मुख आज दिक्कत यह है कि कोविड की मार से विश्व इकॉनमी में शिथिलता आ गई है। रही सही कसर अमेरिका ने पूरी कर दी है। अमेरिका और चीन के बीच शीत युद्ध के कारण ट्रम्प प्रशासन ने चीन के आयातित माल पर कंट्रोल और टैरिफ में वृद्धि की थी, उसे बाइडन प्रशासन भी कम करने के मूड में नहीं है। इससे चीन के कल कारखाने बंद हो रहे हैं, बेरोजगारी चरम सीमा पर है और अमेरिकी निवेशकों की निगाहें भारत सहित पड़ोसी देशों पर लगी हैं। भारत और चीन के बीच व्यापार बढ़ा है। इसमें भारत को पिछले वर्ष एक सौ अरब डालर की चपत लगी है तो अमेरिका ने चीन से आयात में कटौती कर उसे करीब ढाई सौ अरब डालर सालाना की चपत दे ...