डिजिटलीकरण: भारतीय अर्थव्यवस्था का अनूठा प्रेरक
- डॉ. सौरभ गर्ग
एक अर्थव्यवस्था की लगभग हर गतिविधि की बुनियाद तैयार करने वाली एक राह के रूप में डिजिटलीकरण की अनिवार्य जरूरत को व्यापक तौर पर स्वीकार किया गया है। इंटरनेट का बढ़ता प्रसार, किफायती डेटा, तकनीकी नवाचार और इन सबसे बढ़कर, डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण पर सरकार का जोर सेवाओं की त्वरित आपूर्ति, बेहतर पहुंच और जवाबदेही में सुधार सुनिश्चित कर रहा है।
डिजिटल बदलावों का असर
वर्ष 2014-2019 की अवधि के दौरान, भारत की मुख्य डिजिटल अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी सकल मूल्य संवर्धन के 5.4 प्रतिशत से बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गई। इसी अवधि के दौरान समग्र अर्थव्यवस्था की तुलना में डिजिटल अर्थव्यवस्था 2.4 गुना तेजी से बढ़ी। हाल ही में प्रकाशित भारतीय रिजर्व बैंक के एक बुलेटिन के अनुसार, 2019 में कुल अर्थव्यवस्था में डिजिटल आधारित अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी लगभग 22 प्रतिशत थी। सरकार का मुख्य जोर डिज...