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प्रकाश पर्व:  प्रेरणादायी हैं गुरु गोबिंद सिंह के उपदेश

प्रकाश पर्व: प्रेरणादायी हैं गुरु गोबिंद सिंह के उपदेश

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- योगेश कुमार गोयल सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 357वां प्रकाश पर्व इस वर्ष 17 जनवरी को मनाया जा रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 1667 ई. में पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1723 विक्रम संवत् को पटना साहिब में हुआ था। प्रतिवर्ष इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव मनाया जाता है। बचपन में गुरु गोबिंद सिंह जी को गोबिंद राय के नाम से जाना जाता था। उनके पिता गुरु तेग बहादुर सिखों के 9वें गुरु थे। पंजाबी, हिन्दी, संस्कृत, बृज, फारसी भाषाएं सीखने के साथ गुरु गोबिंद सिंह जी ने घुड़सवारी, तीरंदाजी, नेजेबाजी इत्यादि युद्ध कलाओं में भी महारत हासिल की थी। कश्मीरी पंडितों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए उनके पिता और सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर जी द्वारा नवम्बर 1975 में दिल्ली के चांदनी चौक में शीश कटाकर शहादत दिए जाने के बाद मात्र 9 वर्ष क...
गुड फ्राइडे: यीशु के बलिदान और शिक्षाओं को याद करने का दिन

गुड फ्राइडे: यीशु के बलिदान और शिक्षाओं को याद करने का दिन

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- योगेश कुमार गोयल ‘‘हे ईश्वर! इन्हें क्षमा करें, ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।’’ यह प्रार्थना थी यीशु (ईसा मसीह) की उन हत्यारों के लिए, जिन्होंने भयावह अमानवीय यातनाएं देते हुए उनके प्राण ले लिए। यीशु के सिर पर कांटों का ताज रखा गया, उन्हें सूली को कंधों पर उठाकर ले जाने को विवश किया गया और गोल गोथा नामक स्थान पर ले जाकर दो अन्य अपराधियों के साथ बेरहमी से कीलों से ठोकते हुए क्रॉस पर लटका दिया गया। यीशु ने उत्पीड़न और यातनाएं सहते हुए मानवता के लिए अपने प्राण त्याग दिए और दया-क्षमा का अपना संदेश अमर कर दिया। पृथ्वी पर बढ़ रहे पापों के लिए बलिदान देकर ईसा ने निःस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। सूली पर प्राण त्यागने से पहले यीशु ने कहा था, ‘‘हे ईश्वर! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपता हूं।’’ यीशु ने मानवता की भलाई के लिए बलिदान दिया। उनके बलिदान, उनकी...