Monday, November 25"खबर जो असर करे"

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भारत में बच्‍चे गोद लेने की प्रक्रिया सुव्‍यवस्थित हो, सुप्रीम कोर्ट ने फिर जताई नाराजगी

देश
नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि भारत (India) में गोद लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की जरूरत है, क्योंकि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के तहत एकल बच्चे को गोद (child adoption) लेने के लिए तीन से चार साल की प्रतीक्षा अवधि होती है, जबकि ‘लाखों-लाख अनाथ बच्चे गोद लिये जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’ शीर्ष अदालत ने पहले भी इस प्रक्रिया को ‘बहुत थकाऊ’ करार दिया था और उस वक्त भी प्रक्रियाओं को ‘सुव्यवस्थित’ करने की तत्काल आवश्यकता जताई थी. पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए अक्टूबर में सूचीबद्ध किया. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से कहा, ‘कई युवा दम्पती बच्चे को गोद लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ल...

रेवड़ियां बांटने की राजनीति

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक हिंदी की एक कहावत है कि ‘अंधा बांटे रेवड़ी, अपने-अपने को देय।’ अपने नेताओं ने अपने आचरण से इस कहावत को यों बदल दिया है कि ‘अंधा बांटे रेवड़ी, सिर्फ खुद को ही देय।’ सिर्फ खुद को फायदा करने के लिए ही आजकल हमारे सत्तारूढ़ दल सरकारी रेवड़ियां बांटते रहते हैं। आजकल देश की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां थोक वोट बटोरने के लालच में मतदाताओं को तरह-तरह की चीजें उपहार में बांटती रहती हैं। ये ऐसी चीजें हैं, जिनके बिना भी करोड़ों लोग आराम से गुजर-बसर कर सकते हैं। कई राज्य सरकारों ने अपनी महिला वोटरों को मुफ्त साड़ियां, सोने की चेन, बर्तन, मिक्स-ग्राइंडर और बच्चों को कंप्यूटर, पोशाक, भोजन आदि मुफ्त भेंट किए हैं। कई प्रदेश सरकारों ने मुफ्त साइकिलें भी भेंट में दी हैं। क्या ये सब चीजें जिंदा रहने के लिए बेहद जरूरी हैं? नहीं हैं, फिर भी इन्हें मुफ्त में इसीलिए बांटा जाता है कि सरकारों और ने...

उद्धव ठाकरे के बाद अब एकनाथ शिंदे पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कहा- EC को चुनने दें ‘असली’ शिवसेना

देश
मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के गुट के बाद अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। शिंदे ने कोर्ट में ताजा हलफनामा दाखिल किया है। इसमें उद्धव कैंप की तरफ से दायर याचिकाओं को खारिज करने की मांग की गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि 'असली' शिवसेना (Shiv Sena) चुनने की अनुमति भारत निर्वाचन आयोग को दी जानी चाहिए। खास बात है कि ECI ने दोनों गुटों से 8 अगस्त तक दावे और आपत्ति मंगाए हैं। उद्धव कैंप की तरफ से दी गई याचिका में बागी विधायकों पर फैसला आने तक चुनाव आयोग को कोई भी फैसला लेने से रोकने की मांग की गई थी। शिंदे ने हलफनामे में कहा है कि 15 विधायक 39 के समूह को बागी नहीं कह सकते। वहीं, सीएम के एक करीबी ने कहा, 'पार्टी की मान्यता और चुनाव चिह्न के मुद्दों से चुनाव आयोग निपटता है। अगर सभी पार्टियां सुप्री...
जुबैर और नूपुर शर्मा

जुबैर और नूपुर शर्मा

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय ने नूपुर शर्मा और मोहम्मद जुबैर के साथ पूरा न्याय किया है। उसने दोनों के खिलाफ की गई दर्जनों पुलिसिया शिकायतों (एफआईआर) को रद्द करते हुए कहा है कि उनके खिलाफ जो भी मुकदमे चलें, वे किसी एक ही शहर में चलें। कई शहरों में अगर उन पर मुकदमे चलते रहे तो कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। सबसे पहली तो यही कि कई फैसले परस्पर विरोधी भी हो सकते हैं। दूसरी समस्या यह कि आरोपित व्यक्ति कितने शहरों की अदालतों का चक्कर लगाता रहेगा? तीसरी समस्या उसकी अपनी सुरक्षा की है। वैसे जुबैर को उनके विवादास्पद ट्वीट पर वैसी धमकियां नहीं मिल रही हैं जैसी कि नूपुर शर्मा को मिल रही है। कानून की जिन लोगों को थोड़ी भी समझ है, उन्हें पता है कि जुबैर और नूपुर दोनों को ही अदालत निर्दोष घोषित करने वाली है। नूपुर की गिरफ्तारी तो अभी तक नहीं हुई है लेकिन जुबैर को हफ्तों जेल में डाले रखा गया है...
भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हैं?

भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हैं?

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय में आजकल एक अजीब-से मामले पर बहस चल रही है। मामला यह है कि क्या भारत के कुछ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक माना जाए या नहीं? अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक होने का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए या राज्यों के स्तर पर? अभी तक सारे भारत में जिन लोगों की संख्या धर्म की दृष्टि से कम है, उन्हें ही अल्पसंख्यक माना जाता है। इस पैमाने पर केंद्र सरकार ने मुसलमानों, ईसाइयों, पारसियों, सिखों, बौद्धों और जैनियों को अल्पसंख्यक होने की मान्यता दे रखी है। यह मान्यता इन लोगों पर सभी प्रांतों में भी लागू होती है। जिन प्रांतों में ये लोग बहुसंख्यक होते हैं, वहां भी इन्हें अल्पसंख्यकों की सारी सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे समस्त अल्पसंख्यकों की संख्या सारे भारत में लगभग 20 प्रतिशत है। अब अदालत में ऐसी याचिका लगाई गई है कि जिन राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, उन्हें वहां भ...
सुप्रीम कोर्ट में महाठग सुकेश ने किया बड़ा खुलासा, कहा- तिहाड़ के अधिकारियों को दी 12 करोड़ की रिश्‍वत

सुप्रीम कोर्ट में महाठग सुकेश ने किया बड़ा खुलासा, कहा- तिहाड़ के अधिकारियों को दी 12 करोड़ की रिश्‍वत

दिल्ली, देश
नई दिल्‍ली । महाठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrasekhar) मामले में लगातार कई खुलासे हो रहे हैं। यह खुलासे वह खुद कर रहा है। इन खुलासों से भारतीय जेलों (Indian prisons) में चलने वाले कैदियों (prisoners) और अधिकारियों (Officers) के रिश्ते से पर्दा उठा रहा है। उसके खुलासे यह बता रहे हैं कि अगर आपके पास पैसा है तो तिहाड़ जैसी जेल में भी आप राजाओं की तरह रह सकते हैं। एक ठगी के मामले में सुकेश तिहाड़ जेल में बंद है और अब जब वह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान खुलासे कर रहा है तो जेल एक अधिकारियों की सांसे अटकी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान सुकेश चंद्रशेखर ने बताया कि उसने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को कथित तौर पर 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिश्वत दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस बात की पुष्टि की है। जांच एजेंसी का कहना है कि यह पैसे खुद को प्रताड़ित होने से बचाने और ज...