…क्योंकि यह भ्रष्टाचार में डूबा नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण है!’
- मुकुंद
नोएडा के सेक्टर 93 ए में कुतुबमीनार से भी कहीं ऊंचे और भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े सुपरटेक ट्विन टावर आखिरकार जमींदोज होकर इतिहास का हिस्सा बन गए। देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले के बाद इन्हें रविवार दोपहर 2ः30 बजे विस्फोटक से धराशायी कर दिया गया। इन दोनों को गिराने में 3500 किलोग्राम विस्फोटक का प्रयोग किया गया। दोनों टावरों के ध्वस्तीकरण में 17.55 करोड़ रुपये खर्च हुए। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद सुपरटेक ने 2014 में फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मगर यहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 को तीन महीने के भीतर ट्विन टॉवर को गिराने का आदेश दिया। हालांकि बाद में इसकी तारीख को बढ़ाकर 28 अगस्त, 2022 किया गया। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है। इस फैसले में नोएडा प्राधिकरण के अफसरों पर कठोर टिप्पणी काबिलेगौर और नजीर जैसी ह...