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छठ महापूजा है सूर्योपासना का महापर्व

छठ महापूजा है सूर्योपासना का महापर्व

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- योगेश कुमार गोयल आस्था और निष्ठा का अनुपम लोकपर्व 'छठ' उत्तर भारत, विशेषकर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाने वाला सूर्योपासना का महापर्व है। यह पर्व सूर्य, उनकी पत्नी उषा तथा प्रत्यूषा, प्रकृति, जल, वायु और सूर्य की बहन छठी मैया को समर्पित है। उषा तथा प्रत्यूषा को सूर्य की शक्तियों का मुख्य स्रोत माना गया है। इसीलिए छठ पर्व में सूर्य तथा छठी मैया के साथ इन दोनों शक्तियों की भी आराधना की जाती है। षष्ठी देवी को ही छठ मैया कहा गया है, जो निसंतानों को संतान देती हैं और संतानों की रक्षा कर उनको दीर्घायु बनाती हैं। पुराणों में पष्ठी देवी का एक नाम कात्यायनी भी है, जिनकी पूजा नवरात्र में षष्ठी को होती है। माना जाता है कि छठ पर्व में सूर्य की उपासना करने से छठी माता प्रसन्न होकर घर-परिवार में सुख-समृद्धि, रोगमुक्ति, सम्पन्नता और मनोवांछित फल प्रदान ...
छठः सूर्योपासना की भारतीय संस्कृति और विश्व परंपरा

छठः सूर्योपासना की भारतीय संस्कृति और विश्व परंपरा

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- डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय सृष्टि के सभी प्राणियों में मनुष्य सर्वाधिक चिंतनशील एवं क्रियाशील प्राणी है। इसकी तीव्र बुद्धि ने इसे विकास की सीढ़ियां प्रदान की, लेकिन यह मानना होगा कि अभी भी विज्ञान ने हमारे भीतर की कोमल भावनाओं को ध्वस्त नहीं किया है। हम सुख में मुस्कुराते हैं और दुख में आठ आठ आंसू बहाते हैं। इन्हीं सुख-दुखों की भावाभिव्यक्ति से पर्व त्योहारों का श्रीगणेश हुआ है। भारत धर्म प्रधान देश है। आध्यात्म के प्रति महर्षियों की वाणी में धर्म की कीर्ति लहराती थी, नैतिकता का संदेश गूंजता था। हमारा दृष्टिकोण मुख्य रूप से राजनैतिक, आर्थिक अथवा भौतिक न होकर धार्मिक नैतिकतावादी और आध्यात्मिक था। धर्म की दृष्टि से अपने महान उपलब्धियों के दिनों को हमने पर्व त्यौहार की संज्ञा दी है। सभ्यता के विकास के चरण में उन क्षणों का महत्वपूर्ण योग है। भारतीय संस्कृति में सूर्योपासना की प्राचीन परंपरा रह...