बांग्लादेशः भारत के लिए रणनीतिक चुनौती
- डॉ. सत्यवान सौरभ
बांग्लादेश में हाल ही में हुई राजनीतिक उथल-पुथल ने भारत की क्षेत्रीय कूटनीति के लिए नई चुनौतियां और जटिलताएं ला दी हैं। नागरिक अशांति से जूझ रहे बांग्लादेश के घटनाक्रम से भारत खुद को एक ऐसे चौराहे पर खड़ा पाता है, जिससे उसे अपने कूटनीतिक रुख का पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत है। ढाका के साथ राजनयिक संबंधों में भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियां देखें तो वह विकट हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के अचानक समाप्त होने से ढाका में अप्रत्याशित राजनीति बदलाव तो तय था पर अब नीतिगत बदलाव भी होंगे। इससे द्विपक्षीय पहल प्रभावित हो सकती हैं। शेख हसीना सरकार के विरोध प्रदर्शनों में जमात-ए-इस्लामी जैसे इस्लामी समूहों की भागीदारी संभावित रूप से बांग्लादेशी राजनीति के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बदल सकती है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है और कट्टरपंथ के खिलाफ भारत के प्र...