नफरती बयानों पर तुरंत रोक लगे
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
सर्वोच्च न्यायालय का सरकार से यह आग्रह बिल्कुल उचित है कि नफरती बयानों पर रोक लगाने के लिए वह तुरंत कानून बनाए। यह कानून कैसा हो और उसे कैसे लागू किया जाए, इन मुद्दों पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि संसद, सारे जज और न्यायविद् और देश के सारे बुद्धिजीवी मिलकर विचार करें। यह मामला इतना पेचीदा है कि इस पर आनन-फानन कोई कानून नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि देश के बड़े से बड़े नेता, नामी-गिरामी बुद्धिजीवी, कई धर्मध्वजी और टीवी पर जुबान चलानेवाले दंगलबाज- सभी अपने बेलगाम बोलों के लिए जाने जाते हैं।
कभी वे दो टूक शब्दों में दूसरे धर्मों, जातियों, पार्टियों और लोगों पर हमला बोल देते हैं और कभी इतनी घुमा-फिराकर अपनी बात कहते हैं कि उसके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं। वैसे अखबार तो इस मामले में जरा सावधानी बरतते हैं। यदि वे स्वयं सीमा लांघें तो उन्हें पकड़ना आसान होता है लेकिन टीवी चै...