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कृष्ण और वसंत

कृष्ण और वसंत

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- गिरीश्वर मिश्र श्रीकृष्ण भाव पुरुष हैं। परब्रह्म के पूर्ण प्रतीक जो लीला रूप में अनुभवगम्य होते हैं। अक्षय स्नेह के स्रोत रस से परिपूर्ण श्रीकृष्ण इंद्रियों के विश्व में आनंद के निर्झर सरीखे हैं। उनका सान्निध्य चैतन्य की सरसता के साथ सारे जगत को आप्लावित और प्रफुल्लित करता है। श्रीमद्भगवद्गीता में विभूति योग की व्याख्या करते हुए श्रीकृष्ण खुद को ऋतुओं में वसंत घोषित करते हैं : ऋतूनाम् कुसुमाकर: । श्रीमद्भागवत के दशम स्क्न्ध में रास प्रवेश करते हुए उनकी निराली छवि कामदेव को भी लजाने वाली है। गोपियों के सामने भगवान श्रीकृष्ण अपने मुस्कराते हुए मुखकमल के साथ पीताम्बर धारण किए तथा वनमाला पहने हुए प्रकट हुए। उस समय वे साक्षात मन्मथ यानी कामदेव का भी मन मथने वाले लग रहे थे। श्रीकृष्ण अप्रतिम सौंदर्य और लावण्य के आगार हैं तो काम को सौंदर्य के मानदंड की तरह रखा गया है। भारतीय संस्कृति में ...
आओ वसंत…लहको, महको और महकाओ दिग्दिगंत

आओ वसंत…लहको, महको और महकाओ दिग्दिगंत

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- हृदयनारायण दीक्षित ऋतुराज वसंत आ गए। सुस्वागतम! आओ वसंत। लहको, महको, महकाओ। दिग्दिगंत। भारतीय सौन्दर्यबोध के ऋतुराज को नमस्कार है। प्रकृति आपकी प्रियतमा है। वह अधीर प्रतीक्षा में थी। प्रकृति ने अपने अरूण तरूण अंग खोले। रूप रूप प्रतिरूप और बहुरूप सौन्दर्य चरम परम होते गये। अपना सारा रूप रस गंध उड़ेल दिया उसने। कलियां चटकीं, फूल खिले। वायु गंध आपूरित हैं। अनेक छन्दों में स्तुतियां है। ऋग्वेद का प्रख्यात छन्द गायत्री और साम का ‘वृहत्साम’। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इन्हीं दोनो छन्दों में अपनी व्याप्ति बताई थी और अंत में कहा था-ऋतुओं में मैं वसंत हूं। प्रकृति वसंत की अगवानी में पुलकित है। अपनी वीणा के तार छेड़ चुकी है। प्रकृति का सृजन मधुमय और रसमय है। सोम ओम की प्राकृतिक मस्ती है। रस रस प्रीति। रस घनत्व से धरती अंतरिक्ष आच्छादित हैं। लेकिन भारत के कुछ लोग विदेशी वेलेन्टाइनी शीर्षासन में हैं। व...
उत्तर प्रदेश में योगीराज, सुशासन की बहार

उत्तर प्रदेश में योगीराज, सुशासन की बहार

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- मृत्युंजय दीक्षित उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मफिया के खिलाफ बड़ा अभियान चल रहा है। सरकारी तथा गैर सरकारी भूमि को मुक्त कराया जा रहा है। इस मुक्त भूमि पर आवास बनाकर गरीबों को दिए जा रहे हैं। अपना घर मिलने पर इन गरीबों की आंखों में खुशी के आंसू हैं। होठों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रशंसा और प्रार्थना है। प्रयागराज के लूकरगंज में 1731 वर्गमीटर की नजूल की जमीन माफिया अतीक के कब्जे में थी। उसकी कीमत लगभग दस करोड़ रुपये थी। इस ज़मीन को 13 सितंबर 2020 को मुक्त कराया गया था। वर्ष 2021 में 26 सितंबर को मुख्यमंत्री ने यहां गरीबों के लिए आवासीय फ्लैट्स की आधारशिला रखी और मात्र 18 माह में यह आवासीय योजना पूरी हो गई। इस पर 5.68 करोड़ रुपये खर्च हुए। आवासीय योजना 1731 वर्गमीटर में विकसित की गई और इसमें दो ब्लॉक बने। गरीबों को यह फ...