Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: speeches

असंसदीय शब्दः फिजूल की बहस

असंसदीय शब्दः फिजूल की बहस

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक संसद के भाषणों में कौन से शब्दों का इस्तेमाल सदस्य कर सकते हैं और कौन से का नहीं, यह बहस ही अपने आप में फिजूल है। आपत्तिजनक शब्द कौन-कौन से हो सकते हैं, उनकी सूची 1954 से अब तक कई बार लोकसभा सचिवालय प्रकाशित करता रहा है। इस बार जो सूची छपी है, उसे लेकर कांग्रेस के नेता आरोप लगा रहे हैं कि इस सूची में ऐसे शब्दों की भरमार है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के लिए विपक्षी सांसदों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। जैसे जुमलाजीवी, अहंकारी, तानाशाही आदि। दूसरे शब्दों में संसद तो पूरे भारत की है लेकिन अब उसे भाजपा और मोदी की निजी संस्था का रूप दिया जा रहा है। विरोधी नेताओं का यह आरोप मोटे तौर पर सही सा लगता है लेकिन वह अतिरंजित है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने साफ-साफ कहा है कि संसद में बोले जानेवाले किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं है। सभी शब्द बोले जा सकते हैं लेकिन अध्यक...