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अंतरिक्ष में कामयाबी के बढ़ते कदम

अंतरिक्ष में कामयाबी के बढ़ते कदम

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- प्रभुनाथ शुक्ल अंतरिक्ष विज्ञान में भारत बड़ी महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। अंतरिक्ष की दुनिया में सबसे कम खर्च में हमारे वैज्ञानिकों ने बुलंदी का झंडा गाड़ा है। हम चांद को जीतने निकल पड़े हैं। कभी हम साइकिल पर मिसाइल रखकर लांचिंग पैड तक जाते थे, लेकिन आज हमारे पास अत्याधुनिक तकनीकी उपलब्ध है, जिसका लोहा अमेरिका और दुनिया के तकनीकी एवं साधन संपन्न देश मानते हैं। इसरो ने 14 जुलाई को श्रीहरि कोटा से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान -3 का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण कर दिया। यान पृथ्वी की कक्षा में स्थापित भी हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रक्षेपण की सफलता पर वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि अंतरिक्ष में चंद्रयान-3 एक नए चैप्टर की शुरुआत है। अंतरिक्ष में बढ़ते कदम की वजह से चंद्रमा के साथ-साथ अन्य तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इस मिशन का उपयोग हम विभिन्न क्षेत्रों में करे...
अंतरिक्ष में इसरो के बढ़ते कदम

अंतरिक्ष में इसरो के बढ़ते कदम

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- योगेश कुमार गोयल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) अंतरिक्ष की दुनिया में निरन्तर कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इसरो के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं। अब इसरो ने पिछले दिनों कुल 5805 किलोग्राम वजनी 36 उपग्रह एक साथ लांच कर एक बार फिर नया इतिहास रच दिया। इसरो के बाहुबली कहे जाने वाले सबसे भारी भरकम प्रक्षेपण यान ‘एलएमवी3’ (लांच व्हीकल मार्क-3) ने ब्रिटिश कम्पनी के इन उपग्रहों को लेकर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से उड़ान भरी और इन उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) पर लांच कर दिया। इसरो द्वारा इस रॉकेट मिशन कोड का नाम एलएमवी3-एम3/वनवेब इंडिया-2 मिशन रखा गया था। रॉकेट लांच होने के 19 मिनट बाद ही उपग्रहों के अलग होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी और सभी 36 उपग्रह अलग-अलग चरणों में पृथक हो गए। लो अर्थ ऑर्बिट पृथ्व...
राहुल के आचरण से भारत की गरिमा पर चोट

राहुल के आचरण से भारत की गरिमा पर चोट

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- हृदयनारायण दीक्षित राजनीति का सांस्कृतिक होना अनिवार्य है। संस्कृतिविहीन राजनीति कलहपूर्ण होती है। ऐसी राजनीति के संचालक और नेता देश को परेशानी में डालने वाले होते हैं। उनका आचरण उनके लिए भी फलप्रद नहीं होता। वे स्वयं की भी बेइज्जती कराते हैं। कांग्रेस के नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने निराधार वक्तव्यों से जगहंसाई करा रहे हैं। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने देश भारत के सम्बंध में अनर्गल टिप्पणियां की हैं। कैम्ब्रिज में उन्होंने कहा- 'भारत की संवैधानिक संस्थाएं सत्ता पक्ष के नियंत्रण में हैं।' राहुल जी स्वतंत्र न्यायपालिका द्वारा भिन्न-भिन्न विषयों पर दिए गए निर्णयों पर ध्यान नहीं देते। सर्वोच्च न्यायालय ने अभी चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के सम्बंध में विशेष प्रकार का निष्कर्ष दिया है। न्यायपीठ ने हिन्दू आस्था को भारत के लोगों की जीवनशैली बताया है। देश की न्यायपालिका संवैधा...