देश में बढ़ रही कुतर्क की राजनीति
- सुरेश हिंदुस्तानी
राजनीति में सकारात्मक दिशा के अभाव में देश को जो नुकसान उठाना पड़ता है, वह भले ही प्रत्यक्ष रूप में दिखाई नहीं दे, लेकिन उससे समाज पर प्रभाव अवश्य ही होता है। अगर यह प्रभाव नकारात्मक चिंतन की धारा के प्रवाह को गति देने वाला होगा तो देश को भी अपने अस्तित्व के लिए जूझना पड़ता है। वर्तमान में जिस प्रकार की राजनीति की जा रही है, उसे भटकाव पैदा करने वाली राजनीति कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इतना ही नहीं, जो विषय राजनीति के नहीं होने चाहिए, उनको भी राजनीतिक दल राजनीति के दलदल में ले जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार के किसी भी निर्णय का अपने हिसाब से परिभाषित करना राजनीति का प्रिय विषय बनता जा रहा है। इससे प्रायः मूल विषय बहुत पीछे छूट जाता है और बहस कहीं और चली जाती है।
आज के राजनीतिक वातावरण का अध्ययन किया जाए तो यही परिलक्षित होता है कि सभी राजनीतिक दलों के...