Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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कभी तो तोल-मोल के बोल लिया करो फारूक अब्दुल्ला जी

कभी तो तोल-मोल के बोल लिया करो फारूक अब्दुल्ला जी

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- आर.के. सिन्हा डॉ. फारूक अब्दुल्ला को आग में घी डालने में बहुत मजा आता है। वे भड़काऊ बयान देकर खबरों में बने रहना चाहते हैं। हालांकि जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता से देश उम्मीद करता है कि वे तोल-मोल के बयानबाजी करें। पर वे मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उनके हालिया बयान सुन लें। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। गाजा में इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि हमारा भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा हाल हो सकता है। अब फारूक साहब से कोई पूछे कि क्या आपने कभी पाकिस्तान से पूछा कि उसने मुंबई में हमला क्यों करवाया था या फिर उसने करगिल में घुसपैठ किसलिए की थी? वे तो हर स्थिति में भारत की नुक्ताचीनी करने में ही लगे रहते हैं। उन्हें कौन बताए कि विदेश नीति सारे देश की होती है न कि किसी प्रदेश या पार...
राहुल गांधी कभी पढ़ भी लेते मुस्लिम लीग का इतिहास

राहुल गांधी कभी पढ़ भी लेते मुस्लिम लीग का इतिहास

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- आर.के. सिन्हा राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को सेक्युलर पार्टी होने का प्रमाणपत्र देकर एक बार फिर साबित कर दिया कि उनकी इतिहास की समझ एक स्कूली बच्चे से भी कमजोर है। जाहिर है कि अमेरिका यात्रा पर गये राहुल गांधी के बयान पर हंगामा खड़ा हो गया है। अब सभी कांग्रेसी राहुल गांधी का बचाव करने में भी लगे हैं। यह भारत में ही संभव है कि मोहम्मद अली जिन्ना की जिस ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने भारत को तोड़ा था, उससे मिलते-जुलते नाम से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) भारत विभाजन के कुछ माह बाद ही एक राजनीतिक पार्टी के रूप में सामने आई। इसका गठन 10 मार्च 1948 को हुआ। ये मुख्य रूप से केरल में ही सक्रिय रही है। कभी-कभी तमिलनाडु में भी चुनाव लड़ती रही है। क्या भारतीय कांग्रेस या भारतीय समाजवादी पार्टी के नाम से कोई पार्टी पाकिस्तान में बन सकती थी? ऐसी ही एक गलती भारतीय जनता पार्टी के महा शक्तिशाली नेता औ...