Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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खराब न होने दें अपनी माटी का स्वास्थ्य

खराब न होने दें अपनी माटी का स्वास्थ्य

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- अरुण कुमार दीक्षित हम सबके जीवन में माटी का बड़ा महत्व है। चाहे हम भारत में हों या दुनिया के किसी भी देश में हों, बात जब माटी की होगी तब भारत का ही नाम लेते हैं। अपनी माटी अपनी ही है। हमारे लोकजीवन में बार-बार माटी की बात होती है। कथित आधुनिक सोच ने मिट्टी को डस्ट और एलर्जी वाली वस्तु बताना काफी पहले शुरू किया। इससे माटी के प्रति हमारी अवधारणा भी बहुत हद तक प्रभावित हुई है। पहले घर भी माटी के होते थे। आज भी गांवों में माटी के बहुत सारे घर हैं। यह और बात है कि आर्थिक-सामाजिक परिवर्तन के कारण अब पक्के घर अधिक दिखाई देते हैं। माटी के घरों की पुताई माटी से ही होती थी। नीचे माटी, ऊपर माटी, सब तरफ माटी ही प्रयोग होती रही है। घर में गृहस्थी के नाम पर सबसे अधिक माटी के बर्तन होते थे, जिन्हें हम गगरी, घड़ा ,कलश, मटका,सुराही आदि नाम से जानते हैं। अब गांव और नगर दोनों में सुराही के पानी पर चर्च...
कृषि क्षेत्र की चुनौतियां और समाधान

कृषि क्षेत्र की चुनौतियां और समाधान

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- कुलभूषण उपमन्यु हमारे देश में कृषि क्षेत्र के सामने कई चुनौतियां हैं । एक ओर किसान के लिए कृषि को लाभदायक बनाने की चुनौती है तो दूसरी ओर मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बचाने बढ़ाने की जरूरत है। मानव स्वास्थ्य का प्रश्न भी बहुत हद तक कृषि उत्पादों के जहर मुक्त होने पर निर्भर है। 140 करोड़ लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी तो है ही। इन सारी चुनौतियों को कुछ-कुछ निपटाने की क्षमता हो, ऐसी कृषि पद्धति की तलाश लंबे समय से रही है। हरित क्रांति के पहले, अन्न के संकट से देश दो-चार था। हरित क्रांति आई तो अपने साथ रासायनिक खाद और फसल की बीमारियों से लड़ने वाले जहर लेकर आई। इन रासायनिक छिड़कावों के बाद जहरीले तत्वों का कुछ प्रतिशत अनाज, फल और सब्जी में बचा रह जाता है। रासायनिक खाद मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को धीरे-धीरे घटाते जाते हैं और रासायनिक खाद की मात्रा की मांग बढ़ती जाति है। इससे कृषि की ला...
भारत की माटी के कण-कण में है अद्वैत दर्शन : मुख्यमंत्री शिवराज

भारत की माटी के कण-कण में है अद्वैत दर्शन : मुख्यमंत्री शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- अद्वैत जागरण शिविर के प्रतिभागियों को दीक्षांत समारोह में मिले प्रशस्ति-पत्र भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि शंकराचार्य जी (Shankaracharya ji) ने संपूर्ण भारत को उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जोड़ने और अद्वैत वेदांत से अवगत कराने के लिए अद्भुत कार्य किया। भारत की माटी के कण-कण में अद्वैत दर्शन (Advaita philosophy) समाया हुआ है। हम कहते आए हैं धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सदभावना हो और विश्व का कल्याण हो। आदिगुरू शंकराचार्य (Adiguru Shankaracharya) ने पूरे राष्ट्र को इस भाव को समझने का कार्य किया। हमारा वर्तमान स्वरूप आदिगुरू के प्रयासों से निर्मित हुआ है। भारत पूर्ण विश्व को शांति दिग्दर्शन कराने का कार्य करेगा। आचार्य शंकर के संदेश को युवाओं ने आत्मसात कर अपनी नई भूमिका प्रारंभ की है। मुख्यमंत्री चौहान शुक...

पंचगव्य के उपयोग से मिट्टी की सेहत सुधार सकते हैं किसान

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- डा.आशीष राय बिहार के मोतिहारी जिले के पहाड़पुर प्रखंड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परसौनी के मृदा विशेषज्ञ डा.आशीष राय ने किसानों को पंचगव्य नामक जैविक रसायन के उपयोग करने की सलाह देते हुए कहा कि इससे न केवल मिट्टी की सेहत में सुधार होगा बल्कि उपज भी दुगुनी होगी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर किसान फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए खेतों में रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे है।यूरिया,डीएपी व कीटनाशक जैसी रासायनिक खादों का इस्तेमाल करने से भूमि की उर्वरा शक्ति का लगातार क्षरण हो रहा है।इससे उत्पादन निरंतर घटता ही जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में फसलों के उत्पादन में रसायनिक खाद के बजाय जैविक खाद का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता था, जो मुख्यतया गाय के गोबर और गोमूत्र पर आधारित था। जिससे उत्पादन के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शक्ति में इजाफा होता था। वहीं प्राचीन काल में कि...
मिट्टी से लोहपुरुष गढ़ने वाले गंगाधर तिलक

मिट्टी से लोहपुरुष गढ़ने वाले गंगाधर तिलक

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- ललित गर्ग भारत की आजादी के लिये मिट्टी से लोहपुरुषों यानी सशक्त, शक्तिशाली एवं राष्ट्रभक्त इंसानों का निर्माण करने का श्रेय जिस महापुरुष को दिया जाता है, वह लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, जो स्वतंत्रता आंदोलन के समय देश की आशाओं के प्रतीक बने। उनके विचारों और कार्यों ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने में अग्रिम भूमिका निभाई। उन्होंने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ का नारा देकर लाखों भारतीयों को प्रेरित, संगठित और आन्दोलित किया। तिलक व्यक्ति-प्रबंधन कैसे करते, किस तरह आजादी के लिये हर भारतीय के मन में आन्दोलन की भावना भरते, मनुष्यों को कैसे पहचानते थे और सशक्त-आजाद भारत के लिये बृहत्तर आन्दोलनों के लिये कैसे उनके योगदान को प्राप्त करते थे, वह अपने आपमों विस्मय और अनुकरण का विषय है, उसी का अनुकरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तिलक के सपनों का भारत बना रहे...