Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Society

वंचित वर्ग को समाज की मुख्यधारा में शामिल कराने में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण : राज्यपाल

वंचित वर्ग को समाज की मुख्यधारा में शामिल कराने में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण : राज्यपाल

देश, मध्य प्रदेश
- पुलिस संवेदनशील, सजग, जिम्मेदार, आधुनिक और टेक्नोलॉजी में दक्ष बने भोपाल (Bhopal)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र (Largest and most vibrant democracy in the world) को बनाए रखने और इसे मजबूत करने में पुलिस के बहुमूल्य योगदान (valuable contribution of police) को सारा देश मानता और स्वीकार करता है। उन्होंने कहा कि समाज के सबसे कमजोर और वंचित वर्ग को समाज की मुख्य धारा में शामिल कराने के प्रयासों में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है, इसलिए जरूरी है कि पुलिस संवेदनशील, सजग, जिम्मेदार बने। आधुनिक बने और टेक्नोलॉजी में दक्ष हो। राज्यपाल पटेल शुक्रवार को 66वीं अखिल भारतीय ड्यूटी मीट 2022-23 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत करने के साथ प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पुलिस पदक ...
समाज में बहनों का सम्मान बढ़ायेगी लाड़ली बहना योजना: मुख्यमंत्री चौहान

समाज में बहनों का सम्मान बढ़ायेगी लाड़ली बहना योजना: मुख्यमंत्री चौहान

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि जिस समाज में बहन-बेटियों (sisters and daughters in society) की आर्थिक और सामाजिक स्थिति (economic and social status) अच्छी हो, वही समाज तेजी से तरक्की कर सकता है। हमारे वेद और पुराणों में भी कहा गया है कि ईश्वर वहीं वास करते हैं, जहाँ बहन-बेटियों को इज्जत एवं सम्मान दिया जाता हो और उनकी पूजा की जाती हो। समाज में बहनों का सम्मान बढ़ाने के लिये प्रदेश में लाड़ली बहना योजना शुरू की जा रही है। इस योजना में गरीब और निम्न मध्यम वर्ग की महिलाओं के खाते में हर माह एक हजार रुपये राज्य सरकार जमा करेगी। मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार शाम को जबलपुर में बड़ा पत्थर रांझी स्थित सरस्वती मंदिर परिसर में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. ईश्वरदास रोहाणी सेवा समिति के श्रीमद् शिव महापुराण कथा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। ...
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और जनसंचार शिक्षा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति और जनसंचार शिक्षा

अवर्गीकृत
- डॉ. संजय द्विवेदी जनसंचार हमारे समाज की एक ऐसी आवश्यकता है, जिस पर इसका विकास, प्रगति और गतिशीलता सर्वाधिक निर्भर करती है। एक विषय के तौर पर यह भले ही नया प्रतीत होता हो, लेकिन समाज के एक अभिन्न अंग के रूप में यह शताब्दियों से हमारे साथ विद्यमान रहा है और एक समाज के तौर पर हमें हमेशा मजबूती, गति व दिशा देता रहा है। फर्क यही आया है कि पहले जनसंचार एक नैसर्गिक प्रतिभा होता था, अब एक कौशल बन गया है, जिसे प्रशिक्षण से विकसित किया जा सकता है। पारिभाषिक रूप से जनसंचार वह प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत सूचनाओं को पाठ्य, श्रव्य या दृश्य रूप में बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचाया जाता है। आमतौर पर इस कार्य के लिए समाचार पत्र-पत्रिकाओं, टेलीविजन, रेडियो, सोशल नेटवर्किंग, न्यूज पोर्टल आदि विभिन्न माध्यमों का प्रयोग किया जाता है। पत्रकारिता, विज्ञापन, इवेंट मैनेजमेंट और जनसंपर्क, जनसंचार के कुछ लोकप्र...
सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों से समाज को बचाने के लिए हिंदू जागरण जरूरीः दंडी स्वामी

सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों से समाज को बचाने के लिए हिंदू जागरण जरूरीः दंडी स्वामी

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। हिंदू जागरण मंच (Hindu Jagran Manch) की अखिल भारतीय बैठक (all india meeting) को लेकर शुक्रवार को वीएनएस कॉलेज में भूमिपूजन अखिल भारतीय संत समाज (All India Sant Samaj) के राष्ट्रीय महामंत्री (National General Secretary) दंडी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती (Dandi Swami Jitendranand Saraswati) महाराज के हाथों से संपन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रांत के प्रांत संघचालक अशोक पांडे, सह प्रांत प्रचारक विमल कुमार, हिंदू जागरण मंच के प्रदेश संगठक मनीष उपाध्याय, वीएनएस समूह के चेयरमैन जय कुमार सिंह और रानी दुलैया एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन हेमंत सिंह चौहान सहित मंच के अधिकारी, कार्यकर्ता एवं अन्य लोग उपस्थित रहे। हिंदू जागरण मंच की अखिल भारतीय बैठक का आयोजन वीएनएस कॉलेज में आगामी 10, 11 और 12 फरवरी को होगा। भूमिपूजन अवसर पर अखिल भारतीय संत समाज के महामंत्री दंड...
सरकारी संसाधन और समाज के सहयोग से जबलपुर को बनाएंगे नंबर वन: शिवराज

सरकारी संसाधन और समाज के सहयोग से जबलपुर को बनाएंगे नंबर वन: शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि जबलपुर की समृद्ध विरासत (Rich Heritage of Jabalpur) है। यह माँ नर्मदा (Mother Narmada), रानी दुर्गावती (Queen Durgavati) का शहर है। यहाँ त्रिपुरी कांग्रेस हुई थी। उद्योग, निवेश, पर्यटन, रेडीमेड गारमेंट आदि क्षेत्रों में यहाँ अपार संभावनाएँ हैं। सरकार के संसाधन और समाज के सहयोग से इसे नम्बर वन बनाना है। जबलपुर, इंदौर के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करे। यहाँ की जनता अगर ठान ले, तो निश्चित रूप से जबलपुर प्रगति और विकास के नये अध्याय लिखेगा। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार देर शाम जबलपुर में नगर एवं क्षेत्र के विकास के लिये सामाजिक संगठनों और जन-प्रतिनिधियों के साथ वन-टू-वन चर्चा कर रहे थे। इस दौरान कई महत्वपूर्ण सुझाव आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सुझाव पर तत्परता के साथ अमल कर न केवल जबलपुर नगर, बल्कि संपूर्...
नया नहीं समाज और सिनेमा का ‘बेशर्म रंग’

नया नहीं समाज और सिनेमा का ‘बेशर्म रंग’

अवर्गीकृत
- सुशील शर्मा देश में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण पर केंद्रित फिल्म पठान के गीत 'बेशर्म रंग' के रिलीज होते ही बवंडर आ गया है। इस गीत को भद्दा और अश्लील कहकर निशाने पर लिया गया है। पठान पर प्रतिबंध लगाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। आधुनिकता की चादर ओढ़ चुका समाज का एक तबका आक्रामक है। सच तो यह है कि फिल्मों और धारावाहिकों में अश्लीलता परोसने का सिलसिला पुराना है। यह धारणा स्थापित की गई है कि सिनेमा अपने दौर के समाज का आईना होता है। और इसी अवधारणा के नाम पर विज्ञापनों तक में नीली फंतासियां तारी हो रही है। मनोरंजन का यह संसार भी निराला है। अश्लील और द्विअर्थी संवादों को सफलता की गारंटी माना जा रहा है। इनको इससे मतलब नहीं कि यह सब समाज पर कितना दुष्प्रभाव डालता है। इसकी बानगी देखिए यौवन की दहलीज पर पैर रखते ही किशोरियां उन्मुक्त होकर आसमान में उड़ने लगती हैं। फिल्मों की नीली दुनिया का यह अ...
देश-समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा देने वाले साहित्य का हो प्रसार: राज्यपाल पटेल

देश-समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा देने वाले साहित्य का हो प्रसार: राज्यपाल पटेल

देश, मध्य प्रदेश
- राज्यपाल ने किया टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव 2022 का उद्घाटन भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि भावी पीढ़ी को देश और समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा (motivation to work for the society) देने वाले साहित्य का प्रसार (dissemination of literature) किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय गौरव, आजादी के संघर्ष, अमर वीर-वीरांगनाओं और पर्यावरण चेतना के प्रति सजग बनाने वाले साहित्य का पुस्तकालयों में संकलन किया जाना चाहिए। पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ ही साहित्य, कला और पर्यावरण आदि विभिन्न विषय पर पुस्तकों की उपलब्धता पुस्तकालयों में होनी चाहिए। राज्यपाल पटेल गुरुवार शाम को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (Rabindranath Tagore University) द्वारा आयोजित टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव 2022 ...
कलाकारों एवं शिल्पकारों का प्रोत्साहन समाज की जिम्मेदारीः राज्यपाल

कलाकारों एवं शिल्पकारों का प्रोत्साहन समाज की जिम्मेदारीः राज्यपाल

देश, मध्य प्रदेश
- स्व-सहायता समूहों के उत्पाद खरीदने के लिए आगे आएं नागरिक : मंगुभाई पटेल भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि कलाकृतियाँ दिल, दिमाग और हाथ के समन्वय का चमत्कार होती हैं। सृजित उत्पाद ईश्वर की कृपा का परिणाम होता है। कलाकार और शिल्पकारों का प्रोत्साहन (Promotion of Artists and Craftsmen) समाज की जिम्मेदारी (society's responsibility) है। दीपावली उत्सव (Diwali festival) पर कलात्मक उत्कृष्टता (artistic excellence) के निर्मल गुणवत्तापूर्ण उत्पादों (quality products) के क्रय का अवसर नगरवासियों के लिए सौगात है। उन्होंने भोपाल के नागरिकों का आह्वान किया कि वे स्वयं मेले में खरीदारी करें। साथ ही दूसरों को स्व-सहायता समूहों के उत्पाद क्रय करने के लिए प्रेरित भी करें। राज्यपाल पटेल शुक्रवार को हाट बाजार में उमंग-2K22 राष्ट्र स्तरीय प्रदर्शनी-सह-बिक्री के उद्घाटन के ब...

समाज का पथ प्रदर्शक होता है शिक्षक

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा मनुष्य के जीवन में गुरु का स्थान सर्वोत्तम माना गया है, क्योंकि गुरु ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति होता है जो अपने शिष्य को जीवन में कर्म पथ पर चलने का सही मार्ग दिखाता है। कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान अधूरा रहता है। यह बात बिल्कुल सत्य है। हमारे जीवन में सबसे पहली गुरु तो मां होती है जो हमें जन्म लेते ही हर बातों का ज्ञान कराती है। मगर विद्यार्थी काल में बालक के जीवन में शिक्षक एक ऐसा गुरु होता है जो उसे शिक्षित तो करता ही है साथ ही उसे अच्छे-बुरे का ज्ञान भी कराता है। पहले के समय में तो छात्र गुरुकुल में शिक्षक के पास रहकर वर्षों विद्या अध्ययन करते थे। उस दौरान गुरु अपने शिष्यों को विद्या अध्ययन करवाने के साथ ही स्वावलंबी बनने का पाठ भी पढ़ाते थे। इसीलिए कहा गया है कि गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए। गुरु का स्थान ईश्वर से भी बड़...