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पहली बार डूरंड कप की मेजबानी के लिए तैयार शिलांग

पहली बार डूरंड कप की मेजबानी के लिए तैयार शिलांग

खेल
शिलांग (Shillong)। 133वें इंडियन ऑयल डूरंड कप (133rd Indian Oil Durand Cup) की तीन शानदार ट्रॉफियां आज मेघालय (Meghalaya) की राजधानी शिलांग (capital Shillong) पहुंचीं और राज्य के मुख्यमंत्री, कॉनराड के. संगमा (Chief Minister, Conrad K. Sangama) की गरिमामय उपस्थिति में सचिवालय हिल्स के यू सोसो थाम ऑडिटोरियम में एक भव्य समारोह में गर्व से प्रदर्शित की गईं। शहर पहली बार प्रतिष्ठित फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए तैयार है। संगमा ने राज्य के लिए इस ऐतिहासिक क्षण को लाने में डूरंड कप आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की, जो शिलांग को देश के फुटबॉल मानचित्र पर लाएगा। तीनों ट्राफियां संगमा की मौजूदगी में कार्यक्रम स्थल से शुरू होकर शहर और आसपास के जिलों का भ्रमण करेंगी। एयर मार्शल एसपी धारकर, पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ; लेफ्टिनेंट जनरल संजय मलिक, 101एरिया के जनरल ऑफिसर...
कार्बी आंगलोंग की लपटों से झुलस सकता है शिलांग

कार्बी आंगलोंग की लपटों से झुलस सकता है शिलांग

अवर्गीकृत
- असरार अंसारी असम-मेघालय सीमा पर असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिला में हुई गोलीबारी में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत के बाद लोगों का गुस्सा ठंडा नहीं पड़ा है। मेघालय सरकार दिखावे के तौर पर इसे काफी दुखद बता रही है पर वह इसका फायदा आने वाले चुनाव में उठाने की तैयारी में है। हालात अगर ऐसे ही रहे तो आने वाले समय में मेघालय की राजधानी शिलांग में रह रहे अन्य राज्य के लोगों के साथ बड़ी अनहोनी घट सकती है। मेघालय का इतिहास रहा है कि स्थानीय खासी समुदाय बाहरी लोगों के हमले को बर्दाश्त नहीं कर पाता। वह बदले की आग में सुलगने लगता है। हिंसा पर आमादा हो जाता है। पेट्रोल बम फटने लगते हैं। समुदाय के अगर एक व्यक्ति के साथ भी बाहर के लोग मामूली मारपीट भी कर दें तो बवाल मचा देते हैं। यह बवाल बाद में दो समुदायों के बीच दंगा का रूप ले लेता है। मेघालय सरकार ने कार्बी आंगलोंग की घटना के बाद खासी समुदाय ...