समरकंद में गुट सापेक्ष्यता
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
समरकंद में हुए शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में यदि चीन के नेता शी चिनपिंग और पाकिस्तान के नेता शहबाज शरीफ से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की व्यक्तिगत वार्ता हो जाती तो उसे बड़ी सफलता माना जाता लेकिन उज्बेक, ईरान, रूस और तुर्कीए के नेताओं से हुई उनकी मुलाकातें काफी महत्वपूर्ण रहीं। अब भारत इस वर्ष इस संगठन की अध्यक्षता भी करेगा। अध्यक्ष के नाते अब उसे अन्य सदस्य राष्ट्रों के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान से भी सीधी बात करनी होगी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य आतंकवादी घटनाओं को रोकना है। इसके लगभग सभी देश आतंकवाद से त्रस्त हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि इस संगठन ने आतंकवाद के विरुद्ध प्रस्ताव तो बहुत पारित किए हैं लेकिन आज तक ठोस कदम कोई नहीं उठाया है।
इसके बावजूद इस संगठन के शिखर सम्मेलनों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके जरिए इसके सदस्य राष्ट्रों के द्विपक्षीय संबंध...