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अंतरिक्ष में इसरो के बढ़ते कदम

अंतरिक्ष में इसरो के बढ़ते कदम

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) अंतरिक्ष की दुनिया में निरन्तर कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इसरो के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं। अब इसरो ने पिछले दिनों कुल 5805 किलोग्राम वजनी 36 उपग्रह एक साथ लांच कर एक बार फिर नया इतिहास रच दिया। इसरो के बाहुबली कहे जाने वाले सबसे भारी भरकम प्रक्षेपण यान ‘एलएमवी3’ (लांच व्हीकल मार्क-3) ने ब्रिटिश कम्पनी के इन उपग्रहों को लेकर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से उड़ान भरी और इन उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) पर लांच कर दिया। इसरो द्वारा इस रॉकेट मिशन कोड का नाम एलएमवी3-एम3/वनवेब इंडिया-2 मिशन रखा गया था। रॉकेट लांच होने के 19 मिनट बाद ही उपग्रहों के अलग होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी और सभी 36 उपग्रह अलग-अलग चरणों में पृथक हो गए। लो अर्थ ऑर्बिट पृथ्व...

वैज्ञानिकों ने बनाया दिमाग के इशारे से चलने वाला बायोनिक हाथ, छह महीने हुआ तैयार

विदेश
सिडनी । नई तकनीक (new technology) की दिशा में वैज्ञानिकों (scientists) ने एक खास बायोनिक हाथ (bionic hand) बनाया है, जिसे मनचाही कमांड दी जा सकती है। यह दिमाग के इशारे (brain signals) पर काम करता है। इसे बार-बार निकालने या पहनने की जरूरत नहीं पड़ती। अपनी जरूरत के हिसाब से इसे नया काम भी सिखाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने बायोनिक हाथ को ऑस्ट्रेलिया की 37 वर्षीय पैरालम्पियन जेसिका स्मिथ को सफलतापूर्वक लगाया है। ऑस्ट्रेलियन तैराक जेसिका बिना बाएं हाथ के पैदा हुई थी। इसके बाद उनके माता-पिता ने उन्हें आर्टिफिशियल हाथ लगवाया। लेकिन वह उनके लिए हमेशा परेशानी बना रहा। साल 2004 की एथेंस पैरालम्पियन को प्रोस्थेटिक हाथ लगवाए गए। लेकिन इस हाथ पर मानसिक नियंत्रण नहीं होने की वजह से इससे हादसे हो जाते थे। इस हाथ के कारण एक बार उनके शरीर पर गर्म दूध भी गिर गया था। जिससे वह 15 फीसदी तक जल चुकी थीं। उत्त...

हरियाणा : हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने खोजा टीका, एक साल में हुआ तैयार

देश
हिसार (हरियाणा) । लंपी स्किन बीमारी (lumpy skin disease) से बचाव के लिए लंपी प्रो-वैक आईएनडी (lumpy pro-vac Ind) महज एक से दो रुपये के खर्च में उपलब्ध होगी। यह शत प्रतिशत सुरक्षित वैक्सीन (Vaccine) होगी। महज एक साल में स्वदेशी वैक्सीन तैयार करने वाले हरियाणा (Haryana) के हिसार के दो वैज्ञानिकों डॉ. नवीन कुमार व डॉ. संजय ने यह दावा किया है। हरियाणा के हिसार में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि 2019 में यह बीमारी पहली बार ओडिशा में मिली थी। पहले तीन महीने में इसके विषाणु की पहचान की गई। जिसमें पता लगा कि यह लंपी बीमारी का मुख्य कारण वायरस है, जो पोक्स फैमिली का है। तीन महीने तक इसका क्लीनिकल ट्रायल हुआ। जिसमें सबसे पहले खरगोश पर परीक्षण किया गया। दूसरा परीक्षण मई 2022 में 15 बछड़ों पर किया गया। जिसमें 15 बछड़े पूरी तरह से सुरक्षित रहे। इसके बाद राजस्था...
दुबले-पतले लोगों का इसलिए नहीं बढ़ता वजन, वैज्ञानिकों ने खोजा स्लिम बॉडी का सीक्रेट

दुबले-पतले लोगों का इसलिए नहीं बढ़ता वजन, वैज्ञानिकों ने खोजा स्लिम बॉडी का सीक्रेट

जीवन शैली
नई दिल्ली । काफी पहले से यह धारणा बनी हुई है कि जो लोग पतले (slim people) होते हैं उन लोगों की फिजिकल एक्टिविटी (physical activity) अधिक होती है या फिर चलते अधिक हैं. इसलिए वे लोग कुछ भी खा सकते हैं. लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी ने इस बात को गलत साबित किया है. रिसर्चर्स ने पाया कि दुबले पतले लोग बाकी अन्य लोगों की तुलना में अधिक एक्सरसाइज (excercise) नहीं करते बल्कि कम खाते हैं. कम खाने के कारण ही उनका वजन कम रहता है. इस रिसर्च में 150 काफी पतले लोग शामिल हुए थे. स्टडी से वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला और इस बात को तथ्यात्मक रूप से सही साबित किया. यह स्टडी क्या कहती है? इस बारे में डिटेल में जान लीजिए. क्या पाया स्टडी में एबरडीन विश्वविद्यालय द्वारा की गई रिसर्च में शामिल 150 काफी पतले लोगों की डाइट और एनर्जी लेवल को देखा और उनकी तुलना 173 सामान्य लोगों से की. दो हफ्ते की स्टडी में प...