Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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शिक्षा, ज्ञान और नैतिकता

शिक्षा, ज्ञान और नैतिकता

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। ज्ञान का विस्फोट हो रहा। इस युग की मान्यता है कि ज्ञान अपने आप में ‘सेकुलर’ (यानी निर्दोष!) होता है और उसका किसी तरह के मानवीय मूल्य से कुछ लेना-देना नहीं होता है। वह सबकुछ से परे अर्थात् निरपेक्ष-निष्पक्ष होता है। आज विज्ञान की साखी के साथ (सफ़ेद कोट से सजे) विज्ञापनों की धूम मच रही है। कभी ज्ञान को शक्ति का महान स्रोत घोषित किया गया (नोलेज इज पावर!)। वह छवि आज भी विद्यमान है। विद्या के परिसरों में भी मानविकी (ह्यूमेनिटीज), विज्ञान (साइंस) और प्रौद्योगिकी (टेक्नोलोजी) के आगे बेहद फीकी पड़ रही है। आज विज्ञान से बढ़त पाकर कुछ देश शेष विश्व पर नियंत्रण करने में लगे हुए हैं। शायद इसी सोच के साथ परमाणु बम जैसे संहारक अस्त्र-शस्त्र भी बनते गए। आज भी संहार की विभीषिका का अनुभव करने के बाद भी नए-नए ज़्यादा से ज़्यादा संहार शक्ति वाले अस्त्...
आधी आबादी और समानता की आस

आधी आबादी और समानता की आस

अवर्गीकृत
- डॉ. निवेदिता शर्मा संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेश ने हाल ही में विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को हरसम्भव समर्थन देने की की घोषणा की है। निसंदेह इससे इस क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन के अनुसार, स्कूलों में लड़कियों की संख्या पहले की तुलना में कहीं अधिक है, लेकिन विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, और गणित विषयों में उनका प्रतिनिधित्व अब भी कम है। हर तीन में से केवल एक शोधकर्ता महिला है। कृत्रिम बुद्धिमता जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में इनकी संख्या और भी कम है। यहां हर पांच में से केवल एक महिला ही कार्यरत है। देखा जाए तो चिंता का विषय इतना भर नहीं है कि विज्ञान अथवा तकनीक के क्षेत्र में महिलाओं के साथ न्याय नहीं हो रहा। व्यवहार में सच यही है कि जो देश स्वयं को बहुत विकसित मानते हैं, वहां भी लैंगिक समानता का अभाव हर स्तर...
भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यकः सखलेचा

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यकः सखलेचा

देश, मध्य प्रदेश
- 8वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लॉन्च भोपाल (Bhopal)। भारत (India) को विश्व गुरु (Vishwa Guru) बनाने के लिए विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है। भारत सरकार (Indian government) ने जिस विश्वास के साथ मध्यप्रदेश को आठवें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) (Eighth India International Science Festival (IISF)) के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी हैं, हम उसका निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। यह बात प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद मेपकास्ट में आठवें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के "कर्टेन रेजर" कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर मंत्री सकलेचा ने विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लॉन्च भी किया। विदेश में प्रमुख पदों पर कार्यरत हैं भारतीय सखलेचा ने कहा कि प्रवासी भारतीय ...
शतायु का विज्ञान, औषधीय पौधों में छिपा ज्ञान

शतायु का विज्ञान, औषधीय पौधों में छिपा ज्ञान

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- ह्रदय नारायण दीक्षित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि दुनिया रोग उपचार के लिए आयुर्वेद की प्राचीन पद्धति की ओर लौट रही है। आयुर्वेद भारत का प्राचीन स्वास्थ्य विज्ञान है। बीते सप्ताह गोवा में विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस में अनेक विशेषज्ञों ने आयुर्वेद के सूत्रों पर व्यापक चर्चा की। सम्मेलन में ‘औषधीय पौधों के संरक्षण की जरूरतें‘ विषय पर एक सत्र हुआ। कहा गया है कि भारत में 900 प्रमुख औषधीय पौधों के 10 प्रतिशत खतरे की श्रेणी में हैं। पृथ्वी हर 2 साल में एक संभावित औषधि खो रही है। इसके विलुप्त हो जाने की दर सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया के सापेक्ष 100 गुना तेज है। यह चिंता का विषय है। भारत का स्वास्थ्य विज्ञान कम से कम ई.पू. 2500 से 1500 वर्ष प्राचीन है। ऋग्वेद में तमाम उपचारों व औषधियों का उल्लेख है। ऋग्वेद (10-97) में कहते हैं कि औषधियों का ज्ञान तीन युग पहले से है। यहां युग शब्द का प...