Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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शिवजी का डमरू और तीनों लोक

शिवजी का डमरू और तीनों लोक

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित भारत में सावन का महीना शिव उपासना का जलरस भरा मुहूर्त है। शिव सोम प्रेमी हैं। सोम प्रकृति की सृजन शक्ति है। सृजन की यही शक्ति शिव ललाट की दीप्ति है। शिव के माथे पर सोम चन्द्र हैं। ऋग्वेद के ऋषियों के दुलारे सोम वनस्पतियों के राजा हैं। सोम प्रसन्न होते हैं। वनस्पतियां-औषधियां उगती हैं। खिलती हैं। खिलखिलाती हैं। भारतीय सप्ताह में एक दिन सोम का। पहला दिन रविवार रवि का तो दूसरा दिन सोमवार सोम का। शिवभक्तों को सोमवार प्रीतिकर है। शिव भी सोमवार का दिन भक्तों के लिए ही खाली रखते होंगे। काशी बहुत जाता हूं। काशी मंदिर में शिव उपासना की मूर्ति है। शिव दर्शन कई बार हुआ। मैंने समूची वाराणसी को सोम शिव पाया। हर-हर महादेव की गूंज व लोक उल्लास। शिव भोले शंकर हैं। औघड़दानी हैं। गण समूहों के मित्र हैं। गणों के साथ स्वयं भी नृत्य करते हैं। वे रूद्र शिव एशिया के बड़े भूभाग में प्राची...
सावन का महीना भाई-बहनों के प्रेम को प्रगाढ़ करने का पर्व: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

सावन का महीना भाई-बहनों के प्रेम को प्रगाढ़ करने का पर्व: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि भारत त्यौहारों की संस्कृति वाला देश (India, festivals culture country) है। यहाँ हर एक त्यौहार मनाने के पीछे कोई न कोई मूल भावना होती है। इन त्यौहारों में परस्पर भाईचारा, प्रेम और रिश्तों को निभाने वाले संस्कार समाहित होते हैं। वर्ष के 12 महीनों में एक मास श्रावण (month shravan) ही ऐसा है, जिसका इंतजार सभी को रहता है। इस समय बादलों के घुमड़ने के साथ ही पेड़ों पर झूलों की बहारे नजर आने लगती है। ऐसे में रक्षाबंधन का त्यौहार आता है। आज मैं अपनी लाड़ली बहनों (Dear sisters) के बीच रक्षाबंधन का उत्सव मनाकर धन्य हो गया हूं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव श्रावण के पवित्र सोमवार को बालाघाट के इतवारी गंज जैविक कृषि मंडी में आयोजित लाड़ली बहनों के लिये समर्पित आभार सह उपहार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमार...
सावन का महीना और यादों में झूले…

सावन का महीना और यादों में झूले…

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा पड़ गए झूले सावन रुत आई रे, सीने में हूक उठे अल्लाह दुहायी रे...। ऐसे गाने सावन आते ही लोगों की जुबान पर खुद-ब-खुद आ जाते हैं। पहले सावन शुरू होते ही गांव की गलियों से लेकर शहरों तक झूले पड़ते थे। महिलाएं झूला झूलतीं और गाती थीं। सावन और भादो का महीना हमें प्रकृति के और निकट ले जाता है। झूला झूलने के दौरान गाए जाने वाले गीत मन को सुकून देते हैं। झूले गांव के बागीचों और मंदिर के परिसरों में डाले जाते थे। सावन को बहुत पवित्र महीना माना जाता है। मान्यता है कि सावन में माता पार्वती ने भगवान शिव की तपस्या करके उन्हें पाया था। सावन दक्षिणायन में आता है जिसके देवता शिव हैं। इसीलिए इन दिनों उन्हीं की आराधना शुभ फलदायक होती है। सावन के महीने में बहुत वर्षा होती है। इसलिए इसे वर्षा ऋतु का महीना या पावस ऋतु भी कहा जाता है। भारतीय संस्कृति में झूला झूलने की परम्परा वैदिक काल से है।...