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पीयुष बबेले की किताब में सावरकर की जिन्ना से तुलना, भाजपा भड़की

पीयुष बबेले की किताब में सावरकर की जिन्ना से तुलना, भाजपा भड़की

देश, मध्य प्रदेश
- कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने लिखी है किताब- "कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा" भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) के मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले (media advisor piyush babele) की एक किताब पर बवाल मच गया है। 'कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा' (Congress aur raashtr nirmaan kee gaatha) नाम की इस किताब में वीर सावरकर (Veer Savarkar) की तुलना मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) से की गई है। किताब में कहा गया है कि जिन्ना की तरह वीर सावरकर भी हिंदू और मुस्लिम दोनों को अलग राष्ट्र की तरह देखते थे। किताब में यह भी लिखा है कि आजादी के आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कोई योगदान नहीं था। किताब को लेकर भाजपा ने आपत्ति जताते हुए सवाल उठाए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोमवार को ट्वीट पर किताब के साथ एक पोस्ट किया, जिसमें उन...
सावरकर विवादः काश, राहुल गांधी कुछ सीख लेते अपनी दादी से

सावरकर विवादः काश, राहुल गांधी कुछ सीख लेते अपनी दादी से

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा राहुल गांधी संसद के शीतकालीन सत्र में संसद भवन जाएं तो एक बार देख लें विनायक दामोदर सावरकर का वहां पर लगा चित्र। वे संसद भवन के स्टाफ से यह भी पूछ लें कि इस चित्र का अनावरण कब और किसने किया था। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वीर सावरकर पर ओछी टिप्पणियां करके अपनी अज्ञानता और मंद बुद्धि का ही परिचय दिया है। हो सकता है कि उन्हें पता ही न हो कि वीर सावरकर का चित्र संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में लगा हुआ है, जहां तमाम सांसद रोज ही जाते हैं। वीर सावरकर के चित्र का 26 फरवरी, 2003 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने संसद भवन में अनावरण किया था। इसे चंद्रकला कुमार कदम ने बनाया था। जब वीर सावरकर का चित्र लगाने की पहल हुई तब कांग्रेस ने यह कहकर विरोध किया था कि वे सांसद नहीं थे। इस पर कांग्रेस को जवाब दिया गया था कि लोकमान्य तिलक तथा महात्मा गांधी जैसे राजनीति व स्वाधीनता ...
सावरकर : राहुल का कोई दोष नहीं

सावरकर : राहुल का कोई दोष नहीं

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक राहुल गांधी की अच्छी-खासी भारत-यात्रा चल रही है, लेकिन पता नहीं क्या बात है कि वक्त-बेवक्त उसमें वे पलीता लगवा लेते हैं। पहले उन्होंने जातीय-जनगणना के सोये मुर्दे को उठा दिया, जिसे उनकी माता सोनिया गांधी ने खुद दफना दिया था और अब उन्होंने महाराष्ट्र में जाकर वीर सावरकर के खिलाफ बयान दे दिया है। क्या उन्हें पता नहीं है कि विनायक दामोदर महाराष्ट्रियन थे और महाराष्ट्र के लोग उन्हें स्वांतत्र्य संग्राम का महानायक मानते हैं? स्वयं इंदिरा गांधी ने उन्हें महान स्वतंत्रता-सेनानी कहा है। राहुल ने ब्रिटिश सरकार को लिखे सावरकर के एक पत्र को उद्धृत करते हुए कहा है कि सावरकर ने अपने आप को अंडमान की जेल से छुड़वाने के लिए ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी और रिहा होने के बाद उसके साथ पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। राहुल का कहना है कि सावरकर ने ऐसा करके गांधी, पटेल और नेहरू के साथ विश्वासघा...