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सरदार पटेल: एकीकृत भारत के निर्माता

सरदार पटेल: एकीकृत भारत के निर्माता

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- योगेश कुमार गोयल राष्ट्रीय एकता के प्रति सरदार पटेल की निष्ठा आजादी के इतने वर्षों बाद भी पूरी तरह प्रासंगिक है। एकता की मिसाल कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल गुजरात के नाडियाद में एक किसान परिवार में 31 अक्तूबर 1875 को जन्मे थे, जिन्होंने सदैव देश की एकता को सर्वोपरि माना। सरदार पटेल ने भारत को खण्ड-खण्ड करने की अंग्रेजों की साजिश को नाकाम करते हुए बड़ी कुशलता से आजादी के बाद करीब 550 देशी रियासतों तथा रजवाड़ों का एकीकरण करते हुए अखण्ड भारत के निर्माण में सफलता हासिल की थी। राजनीतिक और कूटनीतिक क्षमता का परिचय देते हुए स्वतंत्र भारत को एकजुट करने का असाधारण कार्य बेहद कुशलता से सम्पन्न करने के लिए जाने जाते रहे सरदार पटेल का देहांत दिल का दौरा पड़ने के कारण 15 दिसम्बर 1950 को 75 वर्ष की आयु में हो गया था। इस दिन को प्रतिवर्ष ‘सरदार पटेल स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। देश क...
पुण्यतिथि विशेष: प्रासंगिक हैं सरदार पटेल के संदेश

पुण्यतिथि विशेष: प्रासंगिक हैं सरदार पटेल के संदेश

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- योगेश कुमार गोयल स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री और पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का भारत के राजनीतिक एकीकरण में अविस्मरणीय योगदान है। 31अक्टूबर, 1875 को गुजरात में एक किसान परिवार में जन्मे सरदार पटेल ने देश की एकता को सदैव सर्वोपरि माना। इसीलिए उन्हें एकता की मिसाल माना जाता है। राष्ट्रीय एकता के प्रति उनकी निष्ठा आजादी के इतने वर्षों बाद भी पूरी तरह प्रासंगिक है। भारत को खण्ड-खण्ड करने की अंग्रेजों की साजिश को नाकाम करते हुए सरदार पटेल ने बड़ी कुशलता से देश की आजादी के बाद करीब 550 देशी रियासतों तथा रजवाड़ों का एकीकरण करते हुए अखण्ड भारत के निर्माण में सफलता हासिल की थी। सरदार पटेल भाई-भतीजावाद की राजनीति के सख्त खिलाफ थे और ईमानदारी के ऐसे पर्याय थे कि उनके देहांत के बाद जब उनकी सम्पत्ति के बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि उनकी निजी सम्पत्ति के नाम पर उनके पास कुछ ...
सरदार पटेल: आजादी का अमृतकाल और अखंड भारत के स्वप्न का विस्तार

सरदार पटेल: आजादी का अमृतकाल और अखंड भारत के स्वप्न का विस्तार

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- डॉ. अशोक कुमार भार्गव संपूर्ण भारत के लिए अदम्य शक्ति और फौलादी संकल्प के महानायक लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल आधुनिक भारत निर्माण के मुख्य शिल्पकार हैं। उन्होंने 565 देसी रियासतों का स्वतंत्र भारत में एकीकरण कर राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा की। इनके अतुल्य योगदान के बिना भारतीय मानचित्र का भव्य स्वरूप आज जैसा है वैसा दिखाई नहीं देता। उनके समग्र अवदान को कृतज्ञ राष्ट्र राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में नमन कर रहा है। वल्लभ भाई का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था। सरदार पटेल ने ब्रितानी हुकूमत की अमानवीय बेगार प्रथा समाप्त कराने के बाद 1918 में खेड़ा के किसानों के लिए सत्याग्रह किया। किन्तु सरकार ने कर वसूली स्थगित नहीं की। पटेल ने शांतिपूर्ण ढंग से संघर्ष का आह्वान किया और किसानों का विश्वास अर्जित करते हुए स्वयं विदेशी वस्तुओं का त्याग किया और धोती, कुर्ता ...
जयंती विशेष: राष्ट्रीय एकता के हिमायती सरदार पटेल

जयंती विशेष: राष्ट्रीय एकता के हिमायती सरदार पटेल

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- रमेश सर्राफ धमोरा भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने के कारण सरदार पटेल को राजनीतिक इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त है। उनके कठोर व्यक्तित्व में संगठन कुशलता, राजनीति सत्ता तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अटूट निष्ठा थी। जिस अदम्य उत्साह, असीम शक्ति से उन्होंने एकीकृत देश की प्रारम्भिक कठिनाइयों का समाधान किया। भारत की स्वतंत्रता संग्राम मे उनका महत्वपूर्ण योगदान था। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात के नाडियाड में लेवा पट्टीदार जाति के एक जमींदार परिवार में हुआ था। वे अपने पिता झवेरभाई पटेल एवं माता लाड़बाई की चौथी संतान थे। सरदार पटेल ने करमसद में प्राथमिक विद्यालय और पेटलाद स्थित उच्च विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी। लेकिन उन्होंने अधिकांश ज्ञान स्वाध्याय से ही अर्जित किया। 16 वर्ष की आयु में उनका विवाह हो गया। 22 साल की उ...