Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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गरीब का पराठा और ब्यूरोक्रेसी को संदेश

गरीब का पराठा और ब्यूरोक्रेसी को संदेश

अवर्गीकृत
- ऋतुपर्ण दवे कभी-कभी बहुत मामूली सी बातें न केवल हर कहीं चर्चा का विषय बन जाती हैं बल्कि इतनी भावुक और प्रभावी कर जाती हैं कि पूछिए मत। लेकिन जब मामला विनम्रता, सहजता और गरीब की पोटली में बंधे पराठे खुलवा कर एक टुकड़ा खाने का हो तो दिल को छू ही जाएगी। उसमें भी यदि जिला कलेक्टर और फरियादी का हो तो हर कहीं उदाहरण और चर्चा का विषय बनेगा ही। ऐसा ही एक वाकया उत्तर प्रदेश के औरेया जिले का है जो पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहा है। जहां अपने रुतबे और ठसक के लिए आईएएस-आईपीएस पहचाने जाते हैं वहीं औरेया कलेक्टर इन्द्रमणि त्रिपाठी की इससे विपरीत प्रशंसा हो रही है। हो भी क्यों न उनके दफ्तर में डरा-सहमा सा एक ग्रामीण मजदूर अपनी फरियाद लेकर बहुत दूर से आया। दफ्तर में घुसते ही वहां का माहौल उसे असहज कर, घबरा रहा था। लेकिन तुरंत कलेक्टर इन्द्रमणि त्रिपाठी ने उसकी मनोदशा भांपी, पूछा कि घर वापस पहुंचने मे...

बेंगलुरु की बारिश और नोयडा ट्वीन टावर के ध्वस्त होने के संदेश

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- आर.के. सिन्हा देश की आईटी राजधानी बेंगलुरु में आफत की बारिश ने सारे महानगर को जलमग्न करके रख दिया। जिस बेंगुलरु में सारी दुनिया की प्रमुख आईटी कंपनियों के सैकड़ों दफ्तरों में लाखों पेशेवर काम करते हैं, वह घुटनों पर आ गया। इस बारिश के कहर ने आम इंसान से लेकर अरबपतियों तक को नहीं छोड़ा। बारिश से सड़कों पर भारी जाम लग गए, रेल-हवाई सेवायें बुरी तरह प्रभावित हुई। घरों में पानी जाता रहा, स्कूल-कॉलेज, दफ्तर सब बंद हो गए। ये स्थिति अब लगभग हर साल किसी खास शहर या महानगर की होने लगी है। योजनाएं बनती हैं ताकि बारिश के बाद होने वाली अव्यवस्था और अराजकता की पुनरावृत्ति न हो। पर ऐसा लगता है कि ये सारी योजनाएं फाइलों में गुम हो जाती हैं। भगवान जाने उन योजनाओं के लिए पारित बजट का क्या होता है। बेंगलुरु ने भारत को एक अलग तरह की पहचान दिलाई है। सारे देश-दुनिया के आईटी पेशेवर यहां पर आकर काम करना पसंद कर...