सूखे से बेजार किसानों के लिए सहारा बनी ‘सम्मान निधि’
- पंकज
यूपी के पिछड़े जिलों में शुमार बलिया में किसानों पर इस बार मानसून की बेरुखी से सूखे की मार पड़ी है। हालांकि, बारिश न होने से सहमे किसानों के लिए मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'किसान सम्मान निधि' सहारा साबित हो रही है।
जिले में पिछले वर्ष एक लाख 58 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ की खेती हुई थी। इस बार खरीफ की खेती का दायरा सिकुड़ गया है। आषाढ़ के बाद सावन माह भी आधा बीतने को है। आसमान में उमड़-घुमड़ रहे बादल किसानों के जले पर सिर्फ नमक छिड़क रहे हैं। इसका नतीजा यह यह है कि बारिश न होने से इस बार महज करीब 72 हजार हेक्टेयर में ही खरीफ की विभिन्न फसलें लगाई गई हैं। इसमें मुख्य रूप से मक्का और धान बोया गया है। सबसे अधिक मार धान की रोपाई पर पड़ी है। अलबत्ता, मक्का, ज्वार और बाजरा की पर्याप्त खेती हुई है। इसके पीछे कम बारिश का होना बताया जा रहा है।
लगभग एक माह से बारिश न होने से सबसे अधिक...