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सिवनीः जिला अस्पताल में प्रसव के बाद महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

सिवनीः जिला अस्पताल में प्रसव के बाद महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। सिवनी जिला अस्पताल (Seoni District Hospital) में शनिवार की दोपहर प्रसव के बाद एक महिला (Woman) की हालत बिगड़ गई और देर शाम उसकी मौत हो गई। इसके बाद महिला के परिजनों व रिश्तेदारों ने आक्रोशित होकर चिकित्सक पर उपचार में लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। आक्रोशित लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ (vandalism in hospital) भी की। हंगामा बढ़ता देख कोतवाली थाना प्रभारी (Kotwali police station in-charge) पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। साथ ही तहसीलदार व अन्य अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास किया। जानकारी के अनुसार कान्हीवाड़ा खैरी निवासी गर्भवती महिला फिजा (25) पत्नी इमरान खान को करीब दो दिन पहले जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। शनिवार को दोपहर के समय महिला ने प्रसव के बाद बेटी को जन्म दिया। प्रसव के कुछ ही देर बार महिला को ब्लीडिंग शुरू हो गई और शा...
खंडवाः शिव मंदिर में दलित युवक को पूजा करने से रोकने पर बवाल, पुलिस ने कराई पूजा

खंडवाः शिव मंदिर में दलित युवक को पूजा करने से रोकने पर बवाल, पुलिस ने कराई पूजा

देश, मध्य प्रदेश
खंडवा (Khandwa)। महाशिवरात्रि (mahashivratri) पर शिव मंदिरों में पूजा (Worship in Shiva temples) करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इसी बीच खंडवा जिले के बेलवाड़ी गांव में एक दलित युवक (dalit youth) को पूजा करने से रोक जाने पर विवाद की स्थिति बन गई। मंदिर के पुजारी ने युवक को जल चढ़ाने से रोक दिया। दलित समाज के लोग खुद को पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित बता रहे थे। पुलिस के दखल के बाद हुई दोनों पक्षों के बीच हुई मीटिंग के बाद दलितों को मंदिर में प्रवेश (Dalits enter the temple) कराया गया। दरअसल, गांव में दलित पक्ष कहना है कि कोटवार हुकुमचंद का बेटा सुमेश शनिवार को शिव जी का जलाभिषेक करने के लिए मंदिर पहुंचा तो पुजारी जगराम पंवार ने उसे अंदर जाने से रोक दिया। पुजारी ने उसे बाहर से पूजा करने को कहा। सुमेश बाहर से ही पूजा करके लौट गया। इसके बाद समाज की कुछ लड़कियां भी मंदिर पहुंचीं, तो...
तवांग पर खाली-पीली शोर

तवांग पर खाली-पीली शोर

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक समझ में नहीं आता कि तवांग क्षेत्र में हुई भारतीय और चीनी फौजियों की मुठभेड़ पर विपक्ष ने संसद में इतना हंगामा क्यों खड़ा कर दिया। यदि चीनी सैनिक हमारी सीमा में घुस जाते और हमारी जमीन पर कब्जा कर लेते तो यह हमारी चिंता का विषय जरुर होता लेकिन यदि इसमें भी सरकार की लापरवाही या कमजोरी होती तो विपक्ष का हंगामा जायज होता। 9 दिसंबर को घटी इस घटना की खबर ने एक सप्ताह बाद तूल पकड़ा है, यह तथ्य ही यह बताता है कि इसे लेकर संसद की कार्रवाई का बहिष्कार करना ज़रा ज्यादा चतुराई दिखाना है। इन दिनों सरकार को लताड़ने के लिए कांग्रेस और विपक्ष के पास कोई खास मुद्दे नहीं हैं। इसीलिए तवांग के मामले को तूल दिया जा रहा है। विपक्ष का काम सरकार को निरंतर पिन चुभाते रहना है, इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन उसे यह भी सोचना चाहिए कि चीन से पिटने की मनमानी व्याख्या का प्रचार करने से हमारे सैनिकों पर ...

कोलाहाल में भी गूंजती थी राकेश झुनझुनवाला की आवाज

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा कोलाहाल में भी राकेश झुनझुनवाला की आवाज को साफतौर पर सुना जा सकता था। उनकी आवाज में विश्वास और अनुभव को महसूस किया जा सकता था। वे जब किसी से मिलते तो ये ही कहते थे- ‘क्या हाल है आपका ? ‘क्या कर सकता हूं मैं आपके लिए? ‘मार्केट किस तरफ जाएगी...।’ जाहिर है, वे जब मार्केट का जिक्र करते थे तब वे शेयर बाजार की चाल के बारे में अपने करीबियों से भी उनकी राय पूछते थे। हां, पर वे किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश करते हुये अपने शेयर मार्केट के अनुभव का ही सहारा लेते थे। उनके आकस्मिक निधन से देश के उन लाखों निवेशकों का एक तरह से विश्वस्त मार्गदर्शक विदा हो गया है, जिसे देखकर वे हजारों निवेशक भी शेयर मार्केट में निवेश करके अच्छा पैसा कमाने लगाने थे। वे बेशक आज के दिन के देश की शेयर मार्केट के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसेडर थे। भारत के शेयर बाजार का जिक्र उनकी चर्चा किये बगैर अधूरा ही रहता था...