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महिलाओं के खिलाफ अपराध और उसके मूल कारणों की पहचान

महिलाओं के खिलाफ अपराध और उसके मूल कारणों की पहचान

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- पंकज जगन्नाथ जयस्वाल कोलकाता में महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना की विभिन्न माध्यमों जरिये से व्यापक रूप से निंदा की गई। जिसमें सामूहिक सभा, मार्च, वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट आदि शामिल हैं। छेड़छाड़ और बलात्कार हमारी माताओं, बहनों और बेटियों के खिलाफ जघन्य अपराध बन गया है। कभी-कभी आवाज़ उठाने से समस्या का समाधान नहीं होगा; हमें पहले अंतर्निहित कारणों को समझना चाहिए और सिस्टम व समाज में आवश्यक समायोजन का प्रयास करना चाहिए। इसके कई कारण हैं लेकिन प्राथमिक कारण शिक्षा प्रणाली है। प्राचीन काल में जब हम गुरुकुल शिक्षा प्रणाली का पालन करते थे, तब कितने बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे? हो सकता है कि कुछ हों, लेकिन वर्तमान में प्रतिघंटे बलात्कार की संख्या बहुत अधिक है। ब्रिटिश शासन के बाद से हम जिस शिक्षा प्रणाली का पालन कर रहे हैं, वह मैकाले द्वारा तैयार की गई एक पश्चिमी शिक्षा...
वायु प्रदूषण का मूल कारण आधुनिक जीवनशैली

वायु प्रदूषण का मूल कारण आधुनिक जीवनशैली

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- हृदयनारायण दीक्षित वायु से आयु है। स्वच्छ वायु आयुवर्धक है। प्रदूषित वायु प्राणलेवा है। ये सब जानते हुए भी वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले तमाम अपकृत्य जारी हैं। ‘द लेसैंट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल के अध्ययन में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। वायु प्रदूषण के कारण 2000 से 2019 तक प्रतिवर्ष 10 लाख लोगों की जान गई है। सांस सम्बंधी बीमारियां बढ़ी हैं और बीमारियों के कारण लाखों लोगों की मौत हुई है। ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दुनिया के लगभग 13000 नगरों में प्रदूषण का विश्लेषण किया है। इस अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार एशिया में मृत्युदर का आंकड़ा काफी चिन्ताजनक है। बताया गया है कि प्रदूषण के कारण मौतों के आंकड़ों में चीन पहले स्थान पर है। भारत में भी वायु प्रदूषण की स्थिति भयावह है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हर साल वायु प्रदूषण के कारण धूल भरा कोहरा दिखाई पड़ता है। वायु प्रदूषण का मूल क...
ICC Test Ranking: शीर्ष तीन में रूट की वापसी, यशस्वी जयसवाल 12वें स्थान पर

ICC Test Ranking: शीर्ष तीन में रूट की वापसी, यशस्वी जयसवाल 12वें स्थान पर

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नई दिल्ली (New Delhi)। इंग्लैंड (England) के पूर्व कप्तान जो रूट (Former captain Joe Root) आईसीसी पुरुष टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग (ICC men's Test batting rankings) के शीर्ष तीन में वापस आ गए हैं और भारत के सलामी बल्लेबाज (Indian opening batsman) यशस्वी जयसवाल (Yashasvi Jaiswal) रांची में आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप श्रृंखला के चौथे मैच में कुछ अच्छे प्रदर्शन के बाद 12वें स्थान पर पहुंच गए हैं। रांची टेस्ट भारत ने 5 विकेट से जीता और पांच मैचों की श्रृंखला में 3-1 से बढ़त बना ली। रूट, जो पहले शीर्ष क्रम के बल्लेबाज थे, ने पहली पारी में नाबाद 122 रन बनाए और दो स्थान ऊपर चढ़कर तीसरे स्थान पर पहुंच गए। जबकि बाएं हाथ के जयसवाल, जिन्होंने 69वें स्थान पर श्रृंखला शुरू की थी, 73 और 37 के स्कोर के बाद तीन स्थान ऊपर 12वें स्थान पर पहुंच गए हैं। रूट ऑलराउंडरों की सूची में भी तीन स्थान ऊपर चढ़कर चौ...
Ashes, 1st Test: इंग्लैंड ने पहली पारी 393 रन बनाकर घोषित की, जो रूट ने जड़ा शतक

Ashes, 1st Test: इंग्लैंड ने पहली पारी 393 रन बनाकर घोषित की, जो रूट ने जड़ा शतक

खेल
लंदन (London)। एशेज 2023 (Ashes 2023, 1st Test:) के पहले टेस्ट के पहले दिन इंग्लैंड क्रिकेट टीम (England cricket team) ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम (Australia cricket team) के खिलाफ अपनी पहली पारी 393/8 के स्कोर पर घोषित की है। मेजबान टीम की ओर से जो रूट (Joe Root) ने शानदार शतकीय पारी (118*) खेली है। उनके अलावा जॉनी बेयरस्टो ने 78 रन का योगदान दिया है। पहले दिन की समाप्ति तक ऑस्ट्रेलिया ने बिना विकेट गंवाए 14 रन बना लिए हैं। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड क्रिकेट टीम की खराब शुरुआत रही। बेन डकेट 22 रन के टीम स्कोर पर आउट हो गए। बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने 12 रन बनाए। अगले बल्लेबाज ओली पोप 31 रन बनाकर 92 रन के कुल स्कोर पर पवेलियन लौट गऐ। इस बीच सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली (61) ने शानदार अर्धशतक लगाया। वह 124 रन के स्कोर पर आउट हुए और लंच की घोषणा कर दी गई। दूसरे सत्र मे...
विश्व होम्योपैथी दिवस विशेष: रोग की जड़ पर प्रहार

विश्व होम्योपैथी दिवस विशेष: रोग की जड़ पर प्रहार

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- योगेश कुमार गोयल हर साल 10 अप्रैल को होम्योपैथी के जनक जर्मन मूल के महान चिकित्सक और उत्कृष्ट वैज्ञानिक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ मनाया जाता है। होम्योपैथी को संपूर्ण चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित करने का श्रेय डॉ. हैनीमैन को ही जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य चिकित्सा की इस अलग प्रणाली के बारे में लोगों में जागरुकता पैदा करने के साथ प्रत्येक व्यक्ति तक इसकी पहुंच की सफलता दर को आसानी से बेहतर बनाना है। 10 अप्रैल 1755 को जन्मे डॉ. हैनीमैन के पास एमडी की डिग्री थी पर उन्होंने बाद में अनुवादक के रूप में कार्य करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी। उसके बाद उन्होंने अंग्रेजी, फ्रांसीसी, इतालवी, ग्रीक, लैटिन इत्यादि कई भाषाओं में चिकित्सा, वैज्ञान की पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन किया । इसके बाद होम्योपैथी के रूप में दुनिया के सामने नई चिकित्...