गंभीर चिंता का कारण बनता आत्महत्या का बढ़ता ग्राफ
- योगेश कुमार गोयल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनिया में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है यानी प्रतिवर्ष दुनियाभर में करीब आठ लाख लोग आत्महत्या के जरिये अपनी जीवनलीला खत्म कर डालते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में आत्महत्या के मामले 15 से 29 वर्ष के लोगों में होते हैं। जबकि आत्महत्या का प्रयास करने वालों का आंकड़ा इससे बहुत ज्यादा है। लोगों में अवसाद निरन्तर बढ़ रहा है, जिसके चलते ऐसे कुछ व्यक्ति आत्महत्या जैसा हृदयविदारक कदम उठा बैठते हैं। लोगों में जीवन से निराश होकर आत्महत्या की बढ़ती दुष्प्रवृत्ति गंभीर चिंता का सबब बन रही है। कोरोना काल में लोगों में हताशा और निराशा ज्यादा बढ़ी है, जिससे आत्महत्याओं का प्रतिशत भी लगातार बढ़ रहा है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में 79 फीसदी आत्महत्या निम्न और मध्यवर्ग वाले देशों के लोग करते हैं और इसमें बड़ी स...