पूर्वोत्तर में बढ़ती रेल दुर्घटनाएँ केवल लापरवाही है या आतंकी षड्यंत्र?
- रमेश शर्मा
भारत के पूर्वोत्तर में होने वाली रेल दुर्घटनाओं में अचानक वृद्धि देखी गई। इन दुर्घटनाओं ने यह प्रश्न भी खड़ा किया कि दुर्घटनाओं की यह वृद्धि केवल मेन्टेनेन्स का अभाव है या कोई आतंकवादी षड्यंत्र। जून, जुलाई और अगस्त के तीन माह में बंगाल, झारखंड, उड़ीसा और असम रेलवे परिक्षेत्र में छह बड़ी रेल दुर्घटनाएँ हुईं। और दो होते-होते बचीं। इनमें चार दुर्घटनाओं में रेलगाड़ियाँ पटरी से उतरीं और दो रेलगाड़ियाँ गलत पटरी पर चलीं गईं और दूसरी रेलगाड़ी से टकरा गईं। जो दो रेलगाड़ियाँ दुर्घटना से बच गई, इन दोनों की रेल पटरी पर लकड़ी रखी पाई गई थी। यदि चालक गाड़ी नहीं रोकता तो दुर्घटना अवश्य होती। दोनों में लकड़ी रखे होने का तरीका एक-सा था। यही बात चौंकाने वाली थी। क्या एक ही तरह से दो पटरियों पर लकड़ी का मिलना सामान्य संयोग ही था या किसी षड्यंत्र का हिस्सा? एक ही तरीके से दो रेल पटरियों पर लकड़ी...