Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: rights

जन स्वास्थ्य का अधिकार और चुनावी शोरगुल

जन स्वास्थ्य का अधिकार और चुनावी शोरगुल

अवर्गीकृत
- डॉ. अजय खेमरिया सुप्रीम कोर्ट इस साल दो बार निजी अस्पतालों द्वारा आमजनता से उपचार के नाम पर की जा रही देशव्यापी लूट को लेकर सख्त टिप्पणी कर चुका है। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पिछले महीने कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें निजी अस्पतालों में एकरूपता के साथ उपचार की दरें तय नही कर पाती हैं तो कोर्ट खुद सीजीएचएस यानी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निर्धारित दरों को देश भर में लागू करने के आदेश दे देगा। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि देश में हर साल 6.3करोड़ लोग महंगे इलाज के चलते गरीबी के दलदल में फंस जाते है लेकिन देश के आम चुनावों में यह मुद्दा कहीं भी सुनाई नहीं दे रहा है। आरक्षण,संविधान बदलने औऱ धार्मिक तुष्टिकरण,जातिगत जनगणना जैसे मुद्दे इस लोकसभा चुनाव में विमर्श का केंद्रीय बिषय बने हुए है जबकि जनसरोकार की राजनीति के लिए यह जरूरी था कि पक्ष -विपक्ष जन स्वा...
कांग्रेस योजनाओं को बंद कर गरीबों से उनके अधिकार छीनती हैः शिवराज

कांग्रेस योजनाओं को बंद कर गरीबों से उनके अधिकार छीनती हैः शिवराज

देश, मध्य प्रदेश, राजनीति
- महावनमी पर शिवराजमय हुआ इछावर, मुख्यमंत्री ने चुनावी सभा को किया संबोधित भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि कांग्रेस (Congress) जनकल्याणकारी योजनाओं (Public welfare schemes closed) को बंद कर गरीबों से उनके अधिकार छीनती है। अपने स्वार्थों के लिए इंडी गठबंधन (Indie Coalition) बनाने वाले देश और प्रदेश का भला नहीं कर सकते। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में देश और प्रदेश आगे बढ़ रहा है। मेरे लिए बहनें जागृत माता हैं। मैं बेटियों की जिंदगी बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। करण सिंह वर्मा इछावर के विकास पुरूष हैं। असंभव शब्द मामा के शब्दकोष में नहीं है। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को सीहोर जिले के इछावर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी करण सिंह वर्मा के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित...
आयकर सर्वेक्षण के संबंध में अधिकार

आयकर सर्वेक्षण के संबंध में अधिकार

अवर्गीकृत
- नारायण जैन भारत में कर प्रणाली हमेशा ही आम लोगों के लिए एक जटिल और अबूझ पहेली बनी रहती है। यही वजह है कि जीविकोपार्जन करने वाले लोगों से जुड़ी आयकर प्रणाली के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं होती। देश के आयकरदाता के एक बड़े वर्ग को आयकर की याद आमतौर पर जुलाई के महीने में आती है, जब टैक्स रिटर्न फाइल करने का आखिर समय आता है। नौकरीशुदा लोगों को अपने ऑफिस में अप्रैल के महीने में इनवेस्टमेंट प्रोजेक्शन जमा करते वक्त और फरवरी में एक्चुअल इनवेस्टमेंट डिटेल जमा करते वक्त भी इसकी याद आती है। लेकिन आयकर जमा करने वाले लोगों के एक बड़े वर्ग के लिए आयकर से जुड़ी प्रक्रिया एक जटिल पहेली के समान होती है। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी प्रक्रिया को समझने की है। लोग जितना ज्यादा इस प्रक्रिया को समझेंगे, उतना ही उसमें कम गलतियां होने की संभावना बनेगी। ध्यान दें तो ज्यादातर लोगों को ये ही पता नहीं होता है कि आ...
राष्ट्रीय बालिका दिवसः सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल

राष्ट्रीय बालिका दिवसः सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल देश की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और समाज में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के बारे में देशवासियों को आगाह करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 24 जनवरी को ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाया जाता है। परिवारों में बेटा-बेटी के बीच भेदभाव और बेटियों के साथ परिवार में प्रायः होने वाले अत्याचारों के खिलाफ समाज को जागरूक करने के लिए देश की आजादी के बाद से ही प्रयास होते रहे हैं। हालांकि एक समय ऐसा था, जब अधिसंख्य परिवारों में बेटी को परिवार पर बोझ समझा जाता था और इसीलिए बहुत सी जगहों पर तो बेटियों को जन्म लेने से पहले ही कोख में ही मार दिया जाता था। यही कारण था कि बहुत लंबे अरसे तक लिंगानुपात बुरी तरह गड़बड़ाया रहा। यदि बेटी का जन्म हो भी जाता था तो उसका बाल विवाह कराकर उसकी जिम्मेदारी से मुक्ति पाने की सोच समाज में समायी थी। आजादी के बाद से बेटियों के प्रति समाज क...