विश्व आदिवासी दिवस: बड़े जनजातीय नरसंहार के स्मरण का शोक दिवस
- प्रवीण गुगनानी
विदेशी शक्तियां भारतीय समाज को विखंडित करने के लिए मूलनिवासी दिवस का उपयोग कर रही हैं। नौ अगस्त, वस्तुतः पश्चिमी साम्राज्यवादियों द्वारा किए गए बड़े और बर्बर नरसंहार का दिन है। इस शोक दिवस को उसी पीड़ित व दमित जनजातीय समाज द्वारा उत्सव व गौरवदिवस रूप में मनवा लेने का षड्यंत्र है यह। आश्चर्य यह है कि पश्चिम जगत, झूठे विमर्श गढ़ लेने में माहिर छद्म बुद्धिजिवियों के भरोसे जनजातीय नरसंहार के इस दिन को जनजातीय समाज द्वारा ही गौरव दिवस के रूप में मनवाने कुचक्र में सफल हो रहा है। वस्तुतः 09 अगस्त का यह दिन अमेरिका, जर्मनी, स्पेन सहित समस्त उन पश्चिमी देशों में वहां के बाहरी आक्रमणकारियों द्वारा पश्चाताप, दुःख व क्षमाप्रार्थना का दिन होना चाहिए। इस दिन यूरोपियन आक्रमणकारियों को उन देशों के मूल निवासियों से क्षमा मांगनी चाहिए जिन मूलनिवासियों को उन्होंने बर्बरतापूर्वक नरसंहार करके ...