मूल धर्म में वापसी का स्वागत होना चाहिए
- डॉ. मोक्षराज
मजहबी कट्टरवाद ने धरती को नरक बना दिया है। मनमालिन्य से उत्पन्न घृणा एवं वर्चस्व के खोखले लक्ष्य मनुष्य के जीवन में भय, अविश्वास एवं हिंसा के बीज बो रहे हैं। कितना अच्छा हो कि सम्पूर्ण धरती पर रहने वाले सभी मनुष्य एक-दूसरे के प्रति ऐसी दया व सहानुभूति रखें, जैसी कि वे स्वयं के प्रति चाहते हैं। यह धरती सबका पोषण करने में सक्षम है, किंतु मूर्ख, धूर्त, क्रूर, स्वार्थी एवं अदूरदर्शी मुट्ठीभर मजहबी ठेकेदार इस धरती को स्वर्ग बनाने में बहुत-बड़े अवरोध हैं। वसुधैव कुटुम्बकम के उदार वाक्य की समझ विकसित होने में इन पढ़े-लिखे गंवारों को बहुत समय लगेगा।
मित्रो ! इस बात को कभी झुठलाया नहीं जा सकता कि विश्व में वेद से पुराना व सार्वभौमिक कोई ज्ञानग्रंथ नहीं है। करोड़ों वर्ष पुराने वैदिक काल में कोई मत-सम्प्रदाय या मजहब नहीं था। इसलिए वेदों में केवल मनुष्य को सच्चा व अच्छा मनुष्य बनने की...