भारतीय कृषि व्यवस्था का कायाकल्प
- डॉ. विपिन कुमार
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसने हमारे आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृति और आध्यात्मिक प्रगति में एक महान भूमिका निभायी है। हम कृषि को एक उत्सव के रूप में मनाते हैं। हमारे किसान बंधुओं ने अपनी संस्कृति में वनों, पहाड़ों, नदियों, पशुधन, जीव-जंतुओं को एक दैवीय स्थान दिया है। क्या प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा का ऐसा अनुपम उदाहरण आपने कहीं देखा है? केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और सीजीआईएआर द्वारा हाल ही में 'अनुसंधान से प्रभाव तक : न्याय संगत और लचीली कृषि-खाद्य प्रणालियां' विषय में एक चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया और इस दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी मंच साझा किया।
इस सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी के कृषि-खाद्य प्...