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असुरक्षित कर्ज के नियमों को सख्त करना बैंकिंग व्यवस्था सुधारने के लिए अहम: दास

असुरक्षित कर्ज के नियमों को सख्त करना बैंकिंग व्यवस्था सुधारने के लिए अहम: दास

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि असुरक्षित कर्ज के मानदंडों को सख्त करना बैंक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने की दिशा में उठाया गया एहतियाती कदम है। आरबीआई गवर्नर आज फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के संयुक्त सालाना एफआईबीएसी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने मकान और वाहन खरीद के लिए कर्ज तथा छोटे कारोबारियों को मिलने वाले कर्ज जैसे कुछ वर्गों को नए नियमों से बाहर रखा है, क्योंकि उन्हें वृद्धि के मोर्चे पर फायदा मिल रहा है। शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने हाल में व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए सोच-विचारकर कुछ उपायों की घोषणा की है। ये उपाय एहतियाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें फिलहाल बैंकों में कोई नया दबाव उत्पन्न होता नहीं दिख रहा है, लेकि...
वन संरक्षण अधिनियम एवं विनियमों में उदारीकरण की प्रक्रिया

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अवर्गीकृत
- डॉ. रमेश चंद वानिकी, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का एक अंग है। कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में चार खंड शामिल हैं- फसलें, पशुधन, मात्स्यकी और वानिकी। इन चार खंडों में से पहले तीन खंड हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और नीली क्रांति आदि जैसी क्रांतियों के गवाह रहे हैं। इन क्रांतियों के कारण पिछले 50 वर्षों के दौरान इन क्षेत्रों के उत्पादन में 3.05 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि हुई। जबकि वानिकी के उत्पादन में प्रति वर्ष महज 0.54 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई। वानिकी क्षेत्र की यह वृद्धि जनसंख्या में होने वाली वृद्धि दर का एक तिहाई भी नहीं है। आर्थिक और इकोलॉजी की दृष्टि से इसके बेहद गंभीर नतीजे हुए। देश में उत्पादित लकड़ी एवं लकड़ी के उत्पादों की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में भारी गिरावट आई और भारत को लकड़ी व लकड़ी के उत्पादों की घरेलू मांग के बड़े हिस्से को आयात के माध्यम से पूरा करना पड़ा। वानिकी में म...