Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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घटानी ही होगी चीन पर भारत की आत्मनिर्भरता

घटानी ही होगी चीन पर भारत की आत्मनिर्भरता

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- आर.के. सिन्हा भारत के जांबाज सैनिकों ने पिछली 09 दिसंबर को चीन के गले में अंगूठा डाल दिया था। बात-बात पर धौंस जमाने वाले चीन को गलवान के बाद भारत ने तवांग में उसकी कायदे से अपनी औकात समझा दी। भारतीय सैनिकों ने चीनियों की कसकर भरपूर धुनाई की। लेकिन तवांग में चीन ने जो कुछ देखा वो तो महज एक झांकी है। जरूरत पड़ी तो भारत कसकर चीन को कसने के लिए तैयार है। पर यह कहना होगा कि भारत और चीन के बीच की जंग दुनिया की सबसे कठिन जंग होगी। दोनों देशों ने आपस में समझौता कर रखा है कि बंदूक तो बंदूक कोई तलवार तक नहीं निकालेगा म्यान से। हां गदा युद्ध हो सकता है। मल्ल युद्ध हो सकता है। 1967 में में नाथूला की जंग में चीन के चार सौ से अधिक सैनिक मारे गए थे तब से चीन बंदूकबाजी से डरता है और भारत तो हमेशा से उदारमना है ही। गौतम बुद्ध और गांधी का देश भारत तो किसी से खुद तो पंगा लेता ही नहीं है। दूसरी तरफ मैकमोहन...
शिशु सुरक्षा दिवस विशेष: मृत्यु दर में कमी सुखद संकेत

शिशु सुरक्षा दिवस विशेष: मृत्यु दर में कमी सुखद संकेत

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- रमेश सर्राफ धमोरा हर साल सात नवंबर को शिशु सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में शिशुओं की सुरक्षा से संबंधित जागरुकता फैलाना और शिशुओं की उचित देखभाल कर के उनके जीवन की रक्षा करना है। उचित सुरक्षा न हो पाने के कारण दुनिया में बहुत सारे नवजात मौत के आगोश में चले जाते है। हमारे देश में नवजात मृत्यु दर अधिक रही है। मगर सरकार ने इस दिशा में बेहतर प्रयास किए हैं जिसकी बदौलत इसमें कमी आई है। नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) सांख्यिकीय रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत में पांच वर्ष से कम आयु में मृत्यु दर 2019 में प्रति एक हजार जीवित शिशुओं में से 35 के मुकाबले 2020 में घटकर 32 रह गई है। सबसे अधिक गिरावट उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में दर्ज की गई है। भारत के महापंजीयक द्वारा हाल ही में जारी की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 2014 से शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) पांच वर्ष स...