परीक्षाओं का मौसम है, पढ़ने के साथ खेलकूद भी जरूरी
- योगेश कुमार गोयल
दसवीं तथा 12वीं कक्षा की बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। यही वह समय होता है, जब विद्यार्थियों की सालभर की पढ़ाई का मूल्यांकन होना होता है। इसी परीक्षा की बदौलत उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए आधार मिलता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि एकाग्रचित्त होकर इन परीक्षाओं की तैयारी की जाए। कुछ छात्र परीक्षा की तैयारी के लिए अपना कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पाते और लक्ष्य निर्धारित नहीं होने के कारण एकाग्रचित्त होकर परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाते। ऐसे में परीक्षा को लेकर उनका चिंतित और तनावग्रस्त होना स्वाभाविक ही है। किन्तु परीक्षा के दिनों में जरूरत से ज्यादा तनावग्रस्त रहना निश्चित रूप से हानिकारक साबित होता है। तनावग्रस्त रहने के कारण लाख कोशिश के बाद भी पढ़ाई में मन नहीं लग सकता। अतः यह अत्यंत आवश्यक है कि वे शुरू से ही पढ़ाई के प्रति रुचि बनाए रखें। अपना लक्ष्य निर्धारित...