Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Rani Laxmibai

रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस: मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी

रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस: मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी

अवर्गीकृत
- डॉ. वंदना सेन भारत में ऐसे कई महान व्यक्तित्व हुए हैं, जिनका जीवन हमको देश के लिए जीना सिखाता है। उनके हर कदम भारत के वीर भाव को ही प्रदर्शित करते थे। यहां यह बताना भी बहुत जरुरी है कि देश याने क्या? देश केवल भूमि नहीं, बल्कि वहां रहने वाली संतति ही है। इसलिए स्वाभाविक रूप से यही कहा जा सकता है कि देश के महानायकों ने जिस वीरत्व भाव के साथ जीवन जिया, वह देश की संतति को प्रेरणा देने वाला ही है। लेकिन आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि हम इन महानायकों को कितना अपने जीवन में उतारते हैं? यथार्थ यही है कि आम जन के लिए जीवन का उत्सर्ग करने वाले इन योद्धाओं को हम लगभग विस्मृत ही कर चुके हैं। आज हमको अपने नायकों को पहचानने की आवश्यकता है। रानी लक्ष्मी बाई उन नायकों की शृंखला में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। वीरांगना नाम सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में रानी लक्ष्मी बाई की छवि उभरने लगती है। भारतीय वसुंध...
यह पल रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेने का है

यह पल रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेने का है

अवर्गीकृत
- डॉ. वंदना सेन भारत भूमि पर अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए अनेक वीर अग्रणी भूमिका में रहे हैं। लेकिन देश को स्वतंत्र कराने में मातृशक्ति के योगदान को किसी प्रकार से कम नहीं कहा जा सकता। जिन नारियों ने भारत को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई आज पूरा देश उन्हें वीरांगना के नाम से स्वीकार करता है। वीरांगना नाम सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में स्वाभाविक रूप से रानी लक्ष्मीबाई की छवि उभरती है। भारतीय वसुंधरा को अपने वीरोचित भाव से गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सच्चे अर्थों में वीरांगना हैं। वे भारतीय महिलाओं के समक्ष अपने जीवनकाल में ही ऐसा आदर्श स्थापित कर विदा हुईं, जिससे हर कोई प्रेरणा ले सकता है। वर्तमान युग में जहां हर कोई अपने आप तक केन्द्रित होता जा रहा है, उनके लिए वीरांगना लक्ष्मीबाई का जीवन एक ऐसा उदाहरण है, जो राष्ट्रीय भावना को संचारित करने में एक आदर्श है...