महर्षि वाल्मीकि: राम नाम के जाप ने बदल दी राह
- योगेश कुमार गोयल
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती हर साल अश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस वर्ष वाल्मीकि जयंती 28 अक्टूबर को है। मान्यता तो यह भी है कि महर्षि वाल्मीकि के सम्मान में उनकी जयंती रामायण काल से ही मनाई जा रही है। सनातन धर्म के प्रमुख ऋषियों में से एक महर्षि वाल्मीकि की संस्कृत में लिखी गई रामायण को सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है। संस्कृत के प्रथम महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना करने के कारण ही उन्हें आदिकवि कहा जाता है।
वाल्मीकिकृत रामायण समूचे विश्व में वेद तुल्य विख्यात है। यह 21 भाषाओं में उपलब्ध है। यह सनातन धर्म मानने वालों के लिए पूजनीय है। राष्ट्र की अमूल्य निधि रामायण का एक-एक अक्षर अमरता का सूचक और महापाप का नाशक है। वाल्मीकिकृत रामायण को ज्ञान-विज्ञान, भाषा ज्ञान, ललित कला, ज्योतिष शास्त्र, आयुर्वेद, इतिहास और राजनीति का केंद्र बिंदु माना जाता है। यह...