मोदी सरकार में राजपथ का कर्तव्य पथ हो जाना
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी
कभी किंग्स-वे तो कभी राजपथ रही सड़क देखते ही देखते आम जन और उनके लोक प्रतिनिधियों के लिए कर्तव्य का पथ बन गई है। सही भी है लोक के जगत में आम का ही महत्व है, खास का नहीं। राजा कोई नहीं, सभी लोक के प्रतिनिधि, कर्तव्य पथ पर चलनेवाले दायित्ववान जन प्रतिनिधि हैं। वस्तुत: सत्ता तो आनी-जानी है, किंतु सत्ता में रहते हुए जब आप एक लम्बी लकीर खींच देते हैं तो आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी वह एक उदाहरण बनती है। फिर जो सत्ता में आते हैं, उनकी भी मजबूरी हो जाती है कि या तो वे खींची गई लकीर के आसपास चलें या फिर उससे भी बड़ी लकीर खींचे। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णय कुछ ऐसे ही हैं, जिन्होंने एक ओर जहां कोरोना महामारी जैसी भयंकर परिस्थिति में भी विश्व के समक्ष भारत का डंका बजवाया तो दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, आर्थिक हितों,...