राजधर्म निर्वाह की मिसाल
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारतीय चिंतन में कर्मयोग और संन्यास का वृहत विश्लेषण है। इन पर अमल करने वालों की अनवरत परंपरा रही है। अनगिन शासकों और राजनेताओं ने समाज के लिए निजी हित और पारिवारिक जीवन का परित्याग किया। नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ जैसे राजनेता आज भी इस महान विरासत को चरितार्थ कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने विधिवत संन्यास ग्रहण किया है। वह संन्यास धर्म की मर्यादाओं में रहते हुए समाज सेवा के पथ पर चल रहे हैं। अपने पूर्व आश्रम पिता के निधन का समाचार सुनते हैं। लेकिन कोरोना आपदा प्रबंधन के कार्यों में लगे रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आध्यात्मिक रूप से संन्यास आश्रम ग्रहण नहीं किया है। वह भारतीय चिन्तन के अनुरूप सामाजिक संन्यास पर अमल करते हैं। अपनी मां की अंतिम यात्रा में जाते हैं। इसके बाद उनका राजधर्म निर्वाह शुरू हो जाता है। पहले से तय कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं ...